रेल विभाग ने अब उन युवाओं को कभी भी नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है जो ट्रेनों को रोकने, तोड़फोड़ व आगजनी करने के दोषी होंगे. ऐसे युवाओं की पहचान के लिए रेल मंत्रालय द्वारा एक विशेष जांच एजेंसी गठित की गई है. रेल मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए स्पष्ट किया कि ट्रेनों को रोकने, तोड़फोड़ व आगजनी करने वाले युवाओं को आजीवन रेलवे में नौकरी नहीं दी जाएगी.
बता दें कि हाल ही में रेलवे द्वारा जारी एनटीपीसी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया था जिसको लेकर युवाओं में भारी रोष बना हुआ है और बिहार के कुछ स्थानों पर ट्रेनों में तोड़-फोड़ व आगजनी की गई थी. रेल मंत्रालय ने अपने आदेशों में कहा है कि ट्रेनों में तोड़-फोड़ व आगजनी करने वालों की वीडियोग्राफी कराई जा रही है. तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना की वीडियोग्राफी के कई स्तर पर जांच कराई जाएगी और इसमें शामिल युवाओं की पहचान कराई जाएगी.
रेलवे ने कहा है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और ऐसे युवाओं को रेलवे में नौकरी से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. चिह्नित युवाओं का नाम रेलवे के सिस्टम में फीड कर दिया जाएगा. आवेदन करते ही युवक पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
भर्ती प्रक्रिया संबंधी मामले में रेलवे ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भर्ती बोर्ड निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अपनाता है. कुछ युवाओं के एनटीपीसी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट बारे मांग पत्र मिलें हैं, जिनके परीक्षण के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है. रेलवे ने कहा है कि भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी का चयन किया जाएगा.
रेल मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के चलते परीक्षा करवाने में देरी हुई है. फिलहाल हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. रेलवे ने युवाओं से अपील करते हुए कहा है कि कुछ लोग गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके बहकावे में न आएं. इसके साथ ही युवाओं से अपील भी की गई है कि रेलवे आपकी अपनी संपत्ति है, इसलिए तोड़फोड़ व आगजनी जैसे घटना न करें.