अगर आपके पास 10 साल पुरानी डीजल कार है और आप उसे दिल्ली की सड़कों पर दौड़ा रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें, क्योंकि ऐसा करना अब वैध नहीं है। नए साल पर 10 साल पुरान वाहन चालकों के लिए बुरी खबर यह है कि 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद करना शुरू कर दिया है। ऐसे में ऐसी गाड़ियां सड़क पर उतरी तो जब्द कर ली जाएंगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की सड़कों पर 10 साल पुराने वाहन दौड़ाना वैध नहीं है। ऐसा करता पाए जाने पर वाहन तो जब्त होगा ही साथ ही 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस बाबत नए साल के साथ ही दिल्ली परिवहन विभाग सख्ती बरतने जा रहा है। इस कड़ी में दिल्ल्ली में 10 साल से अधिक पुरानी करीब दो लाख डीजल कारों का पंजीकरण रविवार से स्वतः ही निरस्त ही जाएगा। इसके लिए दिशा-निर्देश आ चुके हैं।
दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी 2022 से यानी शनिवार से ही 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद करना शुरू कर दिया है। इसके बाद सरकार की ओर से एक एनओसी जारी किया जाएगा, जिसके बाद वाहन म वाहन मालिक दूसरे राज्यों में उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से इस बाबत दिशा- निर्देश भी जारी किया जा चुका है।
दिल्ली परिवहन विभाग के आदेश में साफ-साफ लिखा है कि देश की राजधानी में ऐसे सभी डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया जाएगा जो 10 साल पूरे कर चुके हैं या पूरे कर रहे हैं। इसके साथ ही 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के लिए देश में कहीं भी एनओसी जारी की जा सकती है। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि उन स्थानों के लिए एनओसी जारी नहीं किया जाएगा, जहां दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए प्रतिबंध का आदेश है।
गौतलब है कि राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कार्ट के आदेश पर दिल्ली परिवहन विभाग ने अब 10 साल पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। इसके तहत रविवार से 10 साल पुराने वाहन सड़कों पर मिले तो उन्हें जब्त करने के साथ इसके चालक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
ईवी में बदलें या फिर दूसरे राज्यों में पंजीकृत कराएं अपने वाहन
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने वाहनों को दिल्ली की सड़कों पर उताने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में रविवार से पुराने वाहन सड़क पर उतरे तो दिल्ली परिवहन विभाग जब्त कर लेगा। इस बीच दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने इन वाहनों को दूूसरे राज्यों में पंजीकृत कराने या दिल्ली में चलाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का विकल्प दिया है। EV के लिए कम से कम खर्च 60 हज़ार रुपए आएगा.
बता दें कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करवाकर चलाया जा सकता है, लेकिन सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त रेट्रोफिटेड कंपनियों से ही यह किट लगवानी होगी। दिल्ली परिवहन विभाग ने आथराइज्ड स्क्रेपर की लिस्ट बनाई है, जहां गाड़ियों को स्क्रैप कराया जा सकता है।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने स्क्रेपर की लिस्ट www.https://transport.delhi.gov.in पर जारी की है जहां डिटेल सूची देखा जा सकता है। ऐसे में जो लोग चाहें अपने वाहनों को स्कैप करवा सकते हैं। दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, वाहन मालिक इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनकी गाड़ियों को जब्द किया जाएगा और मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निजी गाड़ी 20 साल बाद और व्यावसायिक गाड़ी को 15 साल बाद आटोमेटेड फिटनेस टेस्ट कराना होगा। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर इस टेस्ट को पास नहीं किया तो सड़कों पर ऐसे वाहनों को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ऐसे वाहनों को जब्त भी कर लिया जाएगा।
दिल्ली परिवहन विभाग 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों या 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने का ऐलान कर चुका है। इसके तहत परिवहन विभाग की टीमें सड़कों पर उतरकर लगातार कार्रवाई कर रही हैं। इसी कड़ी में अब दिल्ली सरकार ने सख्त रुख के तहत 10 साल पुराने वाहनों को जब्द करने की तैयारी कर दी है।