चंडीगढ़
पंजाब में चुनावी माहौल गरम है। इस बीच तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार पंजाब आ रहे हैं। यहां वह करीब 40 हजार करोड़ की लागत से बन रहे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखेंगे। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा प्रोजेक्ट और इसके बनने से दिल्ली से अमृतसर और कटरा जाने वालों को कैसे फायदा होगा।
दिल्ली से अमृतसर 8 नहीं 4 घंटे में
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की लंबाई 669 किलोमीटर है। इस रोड प्रोजेक्ट की कुल लागत 39 हजार 500 करोड़ रुपये है। दिल्ली से अमृतसर की दूरी 449 किलोमीटर है। अभी यह दूरी सड़क के रास्ते (वाया NH-44) तकरीबन आठ घंटे में पूरी होती है। एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से अमृतसर की यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर तकरीबन आधा यानी 4 घंटे का हो जाएगा।
दिल्ली से कटरा 12 नहीं 6 घंटे में पहुंच जाएंगे
दिल्ली से कटरा की सड़क मार्ग से दूरी करीब 630 किलोमीटर है। अभी राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के रास्ते दिल्ली से कटरा तक का सफर करीब 12 घंटे (11 घंटे 36 मिनट) में पूरा किया जाता है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद इस सफर की मियाद 12 घंटे से घटकर आधी यानी करीब 6 घंटे में पूरी हो जाएगी। समय और ईंधन की बचत के साथ इससे प्रदूषण में भी गिरावट आएगी।
स्वर्ण मंदिर, खडूर साहिब, तरनतारन साहिब रूट पर
इस एक्सप्रेसवे के बनने से सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब), खडूर साहिब, तरनतारन साहिब तक आने-जाने में आसानी होगी। इसके अलावा मां वैष्णो देवी का सफर भी आसान हो जाएगा। इससे जहां एक ओर टूरिज्म का विकास होगा, वहीं निवेश के लिए भी राह खुलेगी।
4 राज्यों की देश की राजधानी से सीधी कनेक्टिविटी
इस एक्सप्रेसवे के जरिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के इंडस्ट्रियल-कमर्शियल सेंटर जुड़ जाएंगे। इसके अलावा कृषि केंद्रों के एक्सप्रेसवे से जुड़ने से किसानों की आय में इजाफे की उम्मीद है। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के बनने से चार राज्यों की देश की राजधानी से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। वहीं तेज और आसान ट्रांसपोर्ट की वजह से रोजगार के नए मौके खुलेंगे। इसके अलावा कृषि उपज और स्थानीय प्रोडक्ट्स की बड़े मार्केट तक पहुंच का रास्ता भी खुल जाएगा।
पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पूरी तरह से इको-फ्रेंडली एक्सप्रेसवे होगा, जिसमें कार्बन फुटप्रिंट में सुधार के लिए लगभग 10 लाख पेड़ों की योजना बनाई जाएगी. एक्सप्रेसवे से एंट्री और एग्जिट को इस तरह से बनाया गया है कि ये इसे दूसरे सभी नेशनल हाईवे और प्रमुख राज्य राजमार्गों पर जाकर मिलाए. सड़क उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए, जम्मू-कश्मीर में सात और दूसरे 40 रास्तों के किनारे अलग-अलग सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा.
इन सुविधाओं में फोर-लेन एक्सप्रेसवे में बस डिपो, ट्रक स्टॉप, फूड कोर्ट, मनोरंजक जोड़, ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और ट्रैफिक पुलिस स्टेशन शामिल होंगे.