देश की राजधानी दिल्ली में फ्लाइओवरों से गुजरने वाले वाहनों का शोर आसपास के लोगों को अब नहीं देगा सुनाई। इसके लिए लोक निर्माण विभाग 13 से अधिक फ्लाइओवरों पर नए तरीके के ध्वनि अवरोधक (साउंड बैरियर) लगवाएगा। इस योजना पर 200 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होने का अनुमान है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस योजना में विलंब हुआ है, अब फिर से योजना पर काम शुरू किए जाने की तैयारी की जा रही है।
दिल्ली में कई ऐसे फ्लाइओवर हैं जो आबादी के पास से गुजरते हैं। कहीं इनके ओर तो कहीं इनके दोनों ओर आबादी है। कई जगह आबादी बसने के बाद फ्लाइओवर बनाए गए हैं तो कई जगह फ्लाइओवर बनने के बाद उनके आसपास आबादी बस गई है, मगर समस्या सभी की एक है कि फ्लाइओवर पर गुजरने वाले वाहनों से शोर बहुत होता है। कई बार रात में लोग अधिक परेशान होते हैं। ऐसे फ्लाइओवरों में से लोक निर्माण विभाग के ही अधिक फ्लाइओवर हैं, जिसमें से तीस साल पुराने फ्लाइओवर भी शामिल हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए विभाग द्वारा आइआइटी दिल्ली, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की मदद ले रहा है। इनकी मदद से ध्वनि अवरोधक के लिए इस तरह की चादरें तैयार किए जाने की योजना पर काम हो रहा कि जिससे वाहनों का शोर आसपास के लोगों को परेशान नहीं करेगा। इय योजना पर छह माह पहले काम शुरू हो जाना था, मगर कोरोना की दूसरी लहर के चलते काम में देरी हुई है। कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद लोक निर्माण विभाग इस योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है, जिससे लोगों को वाहनों के शोर से होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके।
आबादी के किनारे वाले प्रमुख फ्लाइओवर
- राव तुलाराम फ्लाइओवर
- मुनीरिका फ्लाइओवर
- नारायणा फ्लाइओवर
- यमुना विहार गोकुलपुरी फ्लाइओवर
- अशोक नगर फ्लाइओवर
- नत्थू कालोनी फ्लाइओवर
- बारापुला एलिवेटेड कारिडोर
- सावित्री सिनेमा फ्लाइओवर
- नारायणा फ्लाइओवर
- आइआइटी फ्लाइओवर