कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के साथ पड़ोसी राज्य हरियाणा में कुछ शर्तों के साथ बाजार खुलने लगे हैं। इसे देखते हुए दिल्ली के व्यापारी भी बाजार खोलने की अनुमति की मांग करने लगे हैैं। साथ ही वे आनलाइन आपसी बैठकें कर बाजार खोलने का मसौदा तय करने लगे हैं और उसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में लाकडाउन 20 अप्रैल से लागू है, जो 31 मई तक के लिए है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक जून से बाजारों को खोलने की अनुमति देने के संकेत दिए हैं। तब से बाजार संगठनों में इसे लेकर सुगबुगाहट तेज है और वे इसे लेकर पिछले अनलाक प्रक्रिया के अनुभवों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने लगे हैं।
कारोबारी संगठनों के समूह जैसे कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) व भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) के साथ ही कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, कनाट प्लेस, क्लाथ मार्केट समेत अपना-अपना मसौदा सरकार को भेज रहे हैं। जिससे कि बाजार को दोबारा खोलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा कम से कम हो।
हालांकि, इनके बीच इन प्रस्तावों को लेकर गतिरोध भी है। जैसे कि बीयूवीएम ने बाजारों और दुकानों को आड-इवेन के आधार पर खोलने की पैरोकारी की है तो कैट ने इसे अव्यवहारिक बताया है। कैट ने थोक व खुदरा बाजारों को खोलने के लिए अलग-अलग समय तय करने की मांग की है। इसी तरह आटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन (अपमा) ने बाजार को खोलने के लिए कुछ घंटे (सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे) तय करने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह मेट्रो सेवा बहाल करने की मांग की है।
ये हैं प्रस्ताव
- बहाल हो मेट्रो सेवा
- आड-इवेन के आधार पर खुले बाजार और दुकानें
- खुदरा व थोक बाजारों को खोलने के लिए अलग-अलग तय हो समय
- शनिवार और रविवार को रहे पूर्ण बंदी
- जारी रहे रात्रि कर्फ्यू
- 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण पूर्व प्रवेश पर पाबंदी
- बाजारों का सैनिटाइजेशन नियमित हो
- व्यापार से जुड़े लोगों को टीकाकरण में मिले प्राथमिकता