आज से दिल्ली में प्राइवेट कंपनियां दिया जल आपूर्ति और सीवरेज प्रबंधन का काम देखेंगे.
राजधानी में पेयजल आपूर्ति और सीवरेज प्रबंधन की कमान निजी कंपनियां संभालेंगी। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई जल बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया। अब सात-आठ जोन बनाए जाएंगे और हर जोन में एक निजी ऑपरेटर की नियुक्ति होगी, जो 10 साल के लिए पेयजल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क के संचालन, रखरखाव व प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेगा। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा भी मौजूद रहे।
दिल्ली में कुल 14,500 किलोमीटर का पाइपलाइन इनके ज़िम्मे होगा.
Automotive News Exclusive For You. 🚘 👇
दिल्ली के तीन इलाकों में पहले भी सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत निजी कंपनियां पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पेयजल आपूर्ति के लिए जल बोर्ड की पाइपलाइन की लंबाई 14,500 किलोमीटर है। वहीं, सीवर नेटवर्क की लंबाई 9,000 किलोमीटर है। जल वितरण प्रणाली और भूमिगत जलाशयों के क्षेत्र के इलाकों व सीवर नेटवर्क के आउटफॉल के आधार पर जोन का निर्धारण होगा।
सभी को देना होगा सीवर चार्ज:
Delhi - NCR Don't Miss 📰 🙏
Hyperlocal News reports
दिल्ली जल बोर्ड के 25.20 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें 19.94 लाख के पास सीवर का भी कनेक्शन है। उपभोक्ताओं से पानी के बिल के साथ 60 फीसद सीवर शुल्क भी वसूला जाता है। अब उन उपभोक्ताओं को भी पर्यावरण शुल्क के रूप में सीवर शुल्क देना होगा, जिनके पास सिर्फ पानी का कनेक्शन है। जल बोर्ड का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी ने यह शुल्क लेने का निर्देश दिया है।
नए कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन
पानी के कनेक्शन के लिए जल बोर्ड में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा के तहत हेल्पलाइन नंबर 1076 की मदद से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। संपत्ति का मालिकाना दस्तावेज नहीं होने पर पहचान पत्र, तीन महीने का बिजली बिल व घोषणा पत्र देकर कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं।