दिल्ली के पुराने दो फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) की जल्द मरम्मत की जाएगी। इनमें आइएसबीटी के पास जीटी रोड पर स्थित युधिष्ठिर फ्लाईओवर, दक्षिणी दिल्ली में रिंग रोड पर नेहरू नगर फ्लाईओवर और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पुल मिठाई आरओबी शामिल है। इन सभी के एक्सपेंशन ज्वाइंट व बेयरिंग बदले जाने हैं। टूटे फुटपाथ ठीक होंगे और सुरक्षा के लिए दोनों ओर ऊंची दीवार लगाई जाएगी। इसके अलावा अन्य तकनीकी कार्य भी होने हैं। इनका कार्य लोक निर्माण विभाग अगले माह शुरू कर सकता है।
आइएसबीटी और नेहरू नगर में पहली बार काम होना है, जबकि पुल मिठाई पर दूसरे चरण का काम होना है। इस ब्रिज के नीचे रेलवे काम कर रहा है, जबकि ऊपर के भाग में काम करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। पहले चरण में एक ब्रिज में एक्सपेंशन ज्वाइंट बदलने का काम पूरा किया जा चुका है। अब मूर्ति वाले दूसरे ब्रिज पर यह काम होना है। 1982 में ही बने ओबराय फ्लाईओवर का तकनीकी काम कुछ माह पहले पूरा किया गया है। बस थोड़ा काम बचा है।
वर्तमान में 18 से अधिक फ्लाईओवर ऐसे हैं, जिनके एक्सपेंशन ज्वाइंट व बेयरिंग खराब हो चुके हैं। इससे सामान्य तौर पर तो फ्लाईओवर में खराबी नहीं दिखती है, मगर जब वाहन इनके ऊपर से गुजरते हैं तो ज्वाइंट पर झटका लगता है। क्योंकि ज्वाइंट पर सड़क का तल सपाट नहीं रहता है। इसी तरह फ्लाइओवर के पिलर और गार्डर के बीच लगाए गए बेयरिंग खराब हो जाने से होने वाली हल्की जं¨पग बंद हो गई है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा करीब तीन साल पहले कराए गए सर्वे में पता चला था कि इन फ्लाईओवरों में काम कराने की जरूरत है। इस सर्वे के आधार पर विभाग ने 2005 से पहले के बने सभी फ्लाइओवरों की केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) से अध्ययन कराने का फैसला लिया था। सीआरआरआइ अभी तक दो फ्लाईओवर व एक आरओबी का अध्ययन कर चुका है। संस्थान बचे हुए 15 फ्लाईओवरों का भी तकनीकी अध्ययन करेगा।
पीडब्ल्यूडी के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि यातायात के अत्यधिक दबाव के कारण फ्लाईओवरों में छोटी-मोटी कमियां आ जाती हैं। 15 साल में एक्सपेंशन ज्वाइंट खराब हो जाते हैं, जो बदले जाते हैं। विभाग का प्रयास होना चाहिए कि इनके बारे में तकनीकी अध्ययन कराकर सही जानकारी जुटाई जाए और उसके आधार पर काम किया जाए।