ट्रेन हादसों में कमी लाने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला

ट्रेन पर चढ़ने और उतरने के दौरान हादसों में कमी के लिए सरकार ने एक अहम फैसला है। मेट्रो ट्रेन के दरवाजे जिस तरह खुद से खुलते और बंद होते हैं उसकी वजह से यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान परेशानी भी नहीं होती है और हादसों पर भी नियंत्रण रहता है।

Train यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे का नया कदम, अब मेट्रो की तरह खुलेंगे शताब्दी ट्रेन के दरवाजे

ट्रायल सफल होने के बाद बाकि ट्रेनों में भी लगेगा यह सिस्टम

बताते चलें कि अब शताब्दी ट्रेन के दरवाजे भी ऑटोमेटिक खुलेंगे। रेलवे प्रशासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अगर यह सिस्टम यहां सफल हो जाता है तो बाकि दूसरे ट्रेनों में भी इसी सिस्टम का प्रयोग किया जायेगा ताकि यात्रियों को अधिक सुरक्षित सुविधाएँ पहुंचाई जा सकें।

करीब एक हफ्ते के अंदर रेलवे स्टेशन पर यह सुवधा शुरू होने वाली है जिसकी मदद से शताब्दी ट्रेन के दरवाजे ऑटोमेटिक ही खुलेंगे।

होगी हादसों में कमी

मिली जानकारी के अनुसार यह सिस्टम यात्रियों की बहुत सुरक्षा करेगा। अक्सर लोगों को ट्रेन के गेट पर बैठ कर सफर करते हैं जो हादसों का कारण बनता है। लेकिन जैसे ही गेट आटोमेटिक हो जायेगा यात्री ऐसा नहीं कर पाएंगे। ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर सिस्टम लगाने के बाद दरवाजे स्टेशन पर ही खुलेंगे। साथ ही जब दरवाजा बंद हो जाएगा तभी स्टेशन से ट्रेन रवाना होगी। इससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी।


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