थोड़े पैसे आने के बाद इतराना और हवा में उड़ना आज का माहौल है. पैसे ना भी हो तो लोन लेकर हवाओं से ऊपर अपनी पहचान हो यह सोशल मीडिया पर जाहिर करना आज का ट्रेन है.
बात करने जा रहे हैं हम भारत के 1 सबसे युवा उद्यमी की जिन्होंने 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वैल्यूएशन के बराबर बिजनेस खड़ा किया. लेकिन कभी भी महंगे शॉप उनके नहीं देखे गए उनकी शालीनता हमेशा से लोगों को देखती रही है उसमें ही एक नया अध्याय जुड़ गया है.
ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल रायगढ़ से विशाखापट्टनम जा रहे थे इसी बीच एक और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर उसी ट्रेन से यात्रा कर रहे थे जिनका नाम श्रीनिवास A है. ट्रेन के थर्ड एसी क्लास में यात्रा करते हुए उन्होंने झट से ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल को पहचान लिया और उनसे बातें करने की कोशिश की.
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श्रीनिवास ने बताया कि रितेश अग्रवाल ने उनसे इस तरीके से बात किया जैसे कोई पुराना स्कूल का साथ ही मिला हो. उन्होंने रितेश अग्रवाल के शालीनता को बताते हुए लिंक्डइन पर पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे और रितेश के साथ मिलकर जब बात किया तो थोड़ा भी अलग नहीं लगा और इतनी शालीनता इस स्तर पर भी शायद ही देखने को मिलती है.
रितेश अग्रवाल की यह कहानी आपको अच्छी लगी हो तो इसे जरूर प्रेरणा ले और लोगों को भी अच्छी कहानियां बताएं.