पूरे भारत में किसी भी मॉल में जाएंगे तो वहां पर नीचे में पार्किंग के नाम पर मॉल का संचालक जरूर आपसे पार्किंग के पैसे वसूलता है. एक मुकदमे को सुनते हुए केरल के हाई कोर्ट ने कहा है कि मॉल के द्वारा पार्किंग शुल्क वसूलना सही नहीं है.
केरल में मॉल के पार्किंग शुल्क को लेकर कई लोगों ने हाईकोर्ट में अपना दरखास्त जमा कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने कहा की बिल्डिंग बनाने के कानून को लेकर यह स्पष्ट है कि किसी भी बिल्डिंग का पार्किंग उस बिल्डिंग का ही हिस्सा है और बिल्डिंग की परमिट तभी जारी की जा सकती है जब उसके पास उसके अनुसार पार्किंग की जगह हो अतः ऐसी स्थिति में उस पार्किंग के नाम पर अतिरिक्त पैसे लेना यह सही नहीं है.
कोर्ट ने इस पूरे मामले पर वहां की मौजूदा मुसिपालिटी को तलब किया है और इस पर उनकी भी राय को मांगा है.
यह मामला तब आगे बढ़ा जब 2 दिसंबर 2021 को एक व्यक्ति मॉल मैं अपनी गाड़ी पार्किंग से निकालकर निकाह की ओर आगे बढ़ रहे थे तभी वहां पर खड़े सिक्योरिटी इंचार्ज ने गेट को बंद कर दिया और पार्किंग शुल्क के नाम पर ₹20 मांगा और इतना ही नहीं उन्होंने जब बताया कि यह पार्किंग शुल्क एक अवैध शुल्क है तब इस पर गेट नहीं खोलने की धमकी भी सिक्योरिटी इंचार्ज ने दी जिसके बाद व्यक्ति सीधा कोर्ट पहुंच गया.
यह पहली दफा नहीं है इससे पहले भी 2019 में गुजरात के हाई कोर्ट ने मॉल और मल्टीप्लेक्स के अंदर पार्किंग के नाम पर शुल्क वसूली को पहले ही गैर कानूनी घोषित कर चुका है और कहा है कि पार्किंग ऐसे बड़े बिल्डिंग का हिस्सा है और उसके नाम पर वसूली नहीं होनी चाहिए.