रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस बार बजट में भी इसका ध्यान रखा गया है। उत्तर रेलवे (उरे) में इस बार बजट में यात्री सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 235 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आवंटित की गई है। इस राशि से साफ-सफाई, पेयजल, पार्किंग की सुविधा के साथ ही स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट लगाकर यात्रियों विशेषकर बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांगजनों को प्लेटफार्म बदलने में होने वाली परेशानी दूर की जाएगी।
नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन जैसे बड़े स्टेशनों पर कई साल पहले स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट लगा दी गई थी, अब यहां पर ये सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और जहां पर सुविधाएं नहीं हैं, वहां पर शुरू की जाएंगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि प्रत्येक बड़े स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफार्म पर कम से एक स्वचालित सीढ़ी हो। नई दिल्ली जैसे ए-1 श्रेणी के स्टेशनों पर ज्यादा भीड़ होती है। इन स्टेशनों के प्रत्येक प्लेटफार्म पर दो या जरूरत के अनुसार इससे ज्यादा स्वचालित सीढ़ी लगाई जाएगी। 14 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर स्टेशनों पर 42 नई स्वचालित सीढ़ियां लगाने की घोषणा की गई है।
100 छोटे स्टेशनों पर यात्रियों की दूर होगी परेशानी:
महत्वपूर्ण व भीड़ वाले स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए कदम तो उठाए जाते हैं, लेकिन छोटे स्टेशन नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। इससे यहां पहुंचने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब इन स्टेशनों की यात्रियों पर भी ध्यान दिया जाएगा। उत्तर रेलवे के 25 हजार से ज्यादा यात्रियों वाले 100 स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ी लगाने का लक्ष्य है। इससे दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
आनलाइन निगरानी की जाएगी :
स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ी बंद रहने की शिकायत आम है। इस परेशानी को दूर करने के लिए दिल्ली मंडल ने लिफ्ट व स्वचालित सीढ़ियों की आनलाइन निगरानी करने का फैसला किया है। इससे किसी तरह की खराबी को जल्द ठीक करने में मदद मिलेगी।
सुगम्य भारत अभियान के तहत लगेगी लिफ्ट
सुगम्य भारत अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने की कोशिश है। उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर ढाई सौ लिफ्ट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 118.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रविधान है।