एलपीजी उपभोक्ताओं को अब जीएसटी के साथ अनिवार्य रूप से निरीक्षण शुल्क देना होगा। यह नया प्रविधान नहीं है लेकिन अब कुछ बदलाव किए गए हैं। दो साल की जगह इसकी अवधि पांच साल के लिए कर दी गई है। साथ ही शुल्क की राशि भी बढ़ा दी गई है। अब 236 रुपये इसके लिए भुगतान करना होगा। यह पांच साल के लिए होगा।
यानी पांच साल में एक बार ही 236 रुपये देने होंगे। नये प्रविधान में शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी भी लगाया गया है। इसकी रसीद भी मिलेगी। इस समय रसोई गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले वेंडर के साथ एजेंसी के मैकेनिक भी उपभोक्ताओं के घर पहुंच रहे हैं। वे उपभोक्ताओं को 236 रुपये की रसीद भी काट रहे हैं। अनेक उपभोक्ताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि यह शुल्क किस मद में लिया जा रहा है।
- – शुल्क में हुई वृद्धि, पांच साल में 236 रुपये का करना होगा भुगतान
- – घर आकर मैकेनिक करेंगे चूल्हे की जांच, देंगे मानकों की जानकारी
पहले बिना जीएसटी के शुल्क था 75 रुपये
बिहार एलपीजी डस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के महासचिव डाक्टर राम नरेश सिन्हा ने कहा कि निरीक्षण शुल्क का पहले से प्रविधान है। पहले यह शुल्क 75 रुपये लगता था जो दो साल के लिए होता था। इस पर जीएसटी नहीं लगता था। अब प्रविधान में कुछ बदलाव किये गए हैं। अब 236 रुपये का भुगतान हर उपभोक्ता को करना है। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी भी शामिल है।
पहले निरीक्षण शुल्क दो साल में एक बार लगता था अब यह शुल्क पांच साल में एक बार देना है। इसकी रसीद भी दी जा रही है। इसके एवज में उपभोक्ताओं को सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। चूल्हे की जांच व सफाई तो होगी ही। उपभोक्ता गैस चूल्हे का मानक के अनुरूप प्रयोग कर रहे हैं या नहीं, इसे भी देखा जाएगा। अगर रबर ट्यूब मानक के अनुसार नहीं रहेगा तो इसे बदलने के लिए कहा जाएगा। साथ ही मानक के अनुरूप गैस चूल्हे का उपयोग करने के लिए पूरी जानकारी दी जाएगी।