त्योहारी सीजन के बावजूद खाद्य वस्तुओं की महंगाई काबू में है. पिछले एक महीने के दौरान खाद्य तेल और दालों के मूल्य में गिरावट आई है. जबकि खुले बाजार में सरकारी गोदामों से 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न की बिक्री (ओएमएसएस) से गेहूं और चावल के गिरावट का रुख है, पर सितंबर में आलू व प्याज की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच जाती थीं, लेकिन इस बार सरकारी तैयारियों के तहत बफर स्टाक बनाए जाने से बाजार में इनकी पर्याप्त उपलब्धता है।

दाल से लाकर प्याज़ तक का बफ़र स्टॉक

मूल्य में आमतौर मंत्रालय का दावा है कि बाजार में पर्याप्त उपलब्धता से कीमतें पूरी तरह नियंत्रण में हैं. दरअसल, बाजार में महंगाई रोकने के लिए सरकार ने दाल और प्याज का बफर स्टाक बना रखा है, जिससे बाजार में जमाख़ोर महंगाई बढ़ाकर मुनाफा कमाने का अपना खेल नहीं कर पा रहे हैं।

प्याज़ 20 रुपए किलो इस बार

सितंबर से दिसंबर के बीच प्रत्येक वर्ष प्याज की किल्लत होती रही है, जिससे बाजार में भारी तेजी आती , लेकिन इस बार इस सीजन में प्याज के दाम 20 से 24 रुपये किलो पर स्थिर बने हुए हैं. इस बारे में उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि सरकार के बफर स्टाक हैं में ढाई लाख टन से अधिक प्याज पड़ा है। इसके मद्देनजर महंगाई बढ़ाने वाले प्याज के जमाख़ोरों पर काबू पा लिया गया है।

तेल हुआ इस कारण सस्ता

आयातित महंगे खाद्य तेलों की कीमतों को घटाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क की रियायतों को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। इसी वजह से कीमतों में गिरावट का रुख है।

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