राजधानी में बन चुके कूड़े के पहाड़ों को अब ख़त्म करने के लिए राज्य सरकार ने नया बीड़ा उठाया है। इसके तहत पूर्वी दिल्ली के नगर निगम ने इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए एनटीपीसी के साथ मिलकर एक समझौता किया है। समझौते के अनुसार एनटीपीसी अब इस कूड़े के निस्तारण के लिए प्लांट लगाएगा। जिससे उत्पन्न होने वाली बिजली, खाद और गैस का इस्तेमाल जनता के उपयोग में लाया जाएगा।
इस प्लांट को मनाने में नगर निगम की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि एनटीपीसी 74 फीसदी इस प्रोजेक्ट पर हिस्सेदारी रहेगी। इस योजना के तहत एनटीपीसी गोंडा गुजरान के 42 एकड़ में 12 मेगावाट का प्लांट लगाएगा। प्लांट में जहां सूखे कूड़े से बिजली तैयार की जाएगी वहीं गीले कूड़े से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा जो अपशिष्ट ठोस कचरे के रूप में बच जाएगा उसे शास्त्री पार्क में स्थित संयंत्र में मिट्टी बनाने के लिए भेजा जाएगा।
इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम भी ओखला लैंडफिल साइट पर इसी तरह का एक प्लांट लगाएगा। प्लांट बनाने के लिए 2021 तक का लक्ष्य रखा गया है