पर्थला गोलचक्कर के पास नोएडा (Noida)-ग्रेटर नोएडा का सिग्नेचर ब्रिज बन रहा है. ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए फ्लाई ओवर का काम तेजी से चल रहा है. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के मुताबिक इसी साल जून तक सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा. फ्लाई ओवर बनकर तैयार होने के बाद दिल्ली (Delhi), नोएडा, ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से गाजियाबाद और हापुड़ की ओर जाने वालों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. वहीं फरीदाबाद-नोएडा और गाजियाबाद एक्सप्रेसवे (FNG Expressway) को भी जाम के झाम से छुटकारा मिल जाएगा.
पिलर बनते ही शुरू हो जाएगा स्टील केबल का काम
नोएडा अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि 600 मीटर लम्बा यह फ्लाई ओवर तीन पिलर पर टिका होगा. क्योंकि सिग्नेचर ब्रिज की तरह ऊपर से यह 250 तारों पर टिका होगा. यह 6 लेन का फ्लाई ओवर है. पिलर बनाने का काम तेजी से चल रहा है. जल्द ही स्टील और केबल का काम शुरू हो जाएगा. सिग्नेचर ब्रिज पर सड़क के लिए स्टील के गॉर्डर अहमदाबाद में बन रहे हैं.
एक महीने में 18 गॉर्डर बनकर तैयार हो जाने की पूरी उम्मीद है. इसकी लागत करीब 80 करोड़ रुपये बताई जा रही है. काम में कोई ढिलाई न बरती जाए और जून में फ्लाई ओवर शुरु हो जाए इसके लिए नोएडा अथॉरिटी के अफसर लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
एफनजी रोड सेक्टर 71 से किसान चौक पर मिलेगी राहत
अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि नोएडा के एक दर्जन से ज़्यादा सेक्टर और ग्रेटर नोएडा को इस फ्लाई ओवर का बड़ा फायदा मिलेगा. वहीं दिल्ली से गाज़ियाबाद, हापुड़ जाने वाले भी एक लम्बे ट्रैफिक जाम से बचेंगे. जानकारों की मानें तो पर्थला गोलचक्कर पर एफनजी रोड सेक्टर 71 से किसान चौक की तरफ जाने वाली सड़क पर अक्सर जाम के से हालात रहते हैं. सुबह-शाम ऑफिस के वक्त एक लम्बा जाम लगना आम बात है. 10 मिनट का सफर 30 से 45 मिनट का हो जाता है.
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बन रहे हैं अंडरपास
जानकारों की मानें तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर करीब 140 करोड़ की लागत से तीन अंडरपास का काम चल रहा है. अंडरपास बनने से आसपास के सेक्टरों, गांवों व मेट्रो के यात्रियों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा. योजना के मुताबिक ,सेक्टर-142 एडवंट के पास, झट्टा और कोंडली बांगर के पास अंडरपास का काम चल रहा है. अभी तक एक ओर से दूसरी तरफ जाने के लिए या तो लंबा चक्कर लगाना होता था या फिर जो अंडरपास पहले से बने हैं उनका इस्तेमाल करना होता था, लेकिन यहां ज़्यादातर लंबा जाम लगा रहता था.