दिल्ली की नई आबकारी नीति के तहत 527 शराब की दुकानों ने काम करना शुरू कर दिया है। नान कंफर्मिंग एरिया में दुकानें नहीं खोली जा रही हैं। 849 में से 527 शराब की दुकानें खोली गई हैं, जिसके लिए निजी फर्मों को लाइसेंस दिए थे। एक अधिकारी ने कहा कि निगमों ने 67 वाडरें के नान कंफर्मिंग एरिया क्षेत्रों के रूप में सूची प्रदान की है, जहां कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली जा रही है।
नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में बाजार के प्रमुख हिस्सेदारी वाले बीयर के ब्रांड सस्ते हो गए हैं। इसमें प्रमुख नाम किंगफिशर का है। यह बीयर 25 प्रतिशत सस्ती हो गई है। इसके साथ ही बडवाइजर, बीरा बीयर भी पहले से सस्ती हो गई हैं। ये ब्रांड पंजीकृत हो गए हैं और ये बाजार में उपलब्ध हैं।हेवर्ड-5000 भी सस्ती हो गई है। अब पंजीकृत हो गई है। यह एक या दो दिन में बाजार में आ जाएगी। इनके दबदबे की बात करें तो बीयर के मामले में किंगफिशर की बाजार में 80 हिस्सेदारी है। यह बीयर 30 रुपये सस्ती हो गई है। यह पहले 125 रुपये की थी जो अब 95 रुपये की हो गई है। बीरा जो पहले 150 की बोतल थी, यह अब 130 की हो गई है।
इसी कड़ी में बडवाइजर भी 140 से घटकर 130 की हो गई है और हेवर्ड-5000 भी 140 से घटकर 130 की हो गई है। दिल्ली में बीयर के 50-60 के करीब ब्रांड हैं, मगर बाजार में इन्हीं ब्रांड का दबदबा है। इसी तरह शराब का पापुलर ब्रांड टीचर्स पर 120 रुपये कम हो गए हैं। यह पहले 1560 रुपये की थी जो अब घटकर 1440 की रह गई है। वहीं शराब के अन्य ब्रांड पांच से लेकर सात प्रतिशत महंगे हुए हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछली बार शराब व बीयर आदि को मिलाकर 1100 ब्रांड पंजीकृत थे, मगर इस बार 527 ब्रांड पंजीकृत हुए हैं। हालांकि अभी ब्रांड पंजीकृत होने का काम जारी है, मगर ब्रांड अधिक बढ़ सकेंगे इसकी उम्मीद कम है। क्योंकि इस बार ब्रांड के पंजीकरण की फीस अधिक बढ़ गई है और इस वित्त वर्ष के चार माह ही बचे हैं, इसलिए बहुत के ब्रांड पंजीकृत नहीं हो रहे हैं।
वहीं, विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि सभी पापुलर ब्रांड पंजीकृत हो चुके हैं। वह कहते हैं कि पिछले सालों में 1100 से अधिक ब्रांड पंजीकृत जरूर थे, मगर बाजार में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी 319 ब्रांड की थी। ये सभी ब्रांड 527 ब्रांड में शामिल हैं। 700 ब्रांड की हिस्सेदारी एक प्रतिशत थीे।