आम बजट में वित्त मंत्री ने तीन वर्ष के अंदर देशभर में 400 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने तथा एक जिला उत्पाद और एक स्टेशन की घोषणा कर पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोगों की उम्मीदें भी बढ़ा दी है।
वंदे भारत ट्रेनें गोरखपुर से दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज और कोलकाता की राह आसान करेंगी। एक जिला उत्पाद और एक स्टेशन की घोषणा गोरखपुर के टेराकोटा व रेडिमेड कपड़ों को बाजार उपलब्ध कराएगा। इन उत्पादों के लिए अलग से स्टेशन निर्धारित तो होंगे ही, रेलवे प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर कम किराए पर इनकी ढुलाई भी करेगा। स्टेशन पर उतरते ही यात्रियों को जनपद के प्रमुख उत्पाद का अहसास हो जाएगा। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के वीआइपी गेट पर टेराकोटा की कलाकृतियां यात्रियों को बरबस अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं।
वंदे भारत के लायक गोरखपुर-बाराबंकी रेलमार्ग तैयार, रेलवे प्रशासन को रेल मंत्रालय की हरी झंडी का इंतजार
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन वैसे भी बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा 425 किमी रेलमार्ग को वंदेभारत जैसी गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों के चलने लायक तैयार कर दिया है। इस रेलमार्ग पर भी 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकती हैं। अब बजट में बड़ी संख्या में वंदेभारत की घोषणा हो जाने के बाद आमजन के साथ पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन भी रेल मंत्रालय की हरी झंडी का इंतजार करने लगा है।
नई रेल लाइनों का भी खुला रास्ता
जानकारों का कहना है कि आम बजट में रेल बजट समाहित होने से रेलवे के विकास मद में पूर्वोत्तर रेलवे की झोली में कितना धन आया है, अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट तो नहीं हो पाया है। लेकिन नई रेल लाइन सहजनवां- दोहरीघाट और खलीलालाबाद- बहराइच के अलावा गोरखपुर कैंट-पनियहवा और भटनी-औंड़िहार दोहरीकरण, कुसम्ही-गोरखपुर-डोमिनगढ़ तीसरी रेल लाइन तथा दोहरीघाट-इंदारा आमान परिवर्तन के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की गई है।
विद्युतीकरण के लिए भी बजट
आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रेलमार्ग के अलावा लूप लाइनों (साइड लाइनों) पर चल रहे विद्युतीकरण के लिए भी बजट है। निर्माण कार्यों के अलावा यात्री सुविधाओं और संरक्षा को मजबूत करने के लिए भी अतिरिक्त धन का प्रावधान है। रेल लाइनों और सिग्नल को मजबूत बनाने के लिए भी अलग से बजट की व्यवस्था की गई है, ताकि दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।