रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की बीएसईएस वितरण कंपनियों ने 510 मेगावॉट सौर और हाइब्रिड बिजली सौर और पवन ऊर्जा) लेने को लेकर सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया सेकी) के साथ समझौता किया है। इस कदम से दिल्ली को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध हो सकेगी।

 

कंपनी के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यह कहा। बीएसईएस वितरण कंपनियों-बीएसईएस राजधानी पावर लि.बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लि.बीवाईपीएल) दिल्ली में पहली वितरण कंपनियां हैं जिन्होंने हाइब्रिड बिजली के लिये समझौता किया है।

electricity meter
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हाइब्रिड बिजली में सौर और पवन ऊर्जा शामिल हैं, जो एक ही जगह पर होती हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हाइब्रिड बिजली से लागत में कमी आएगी और बीएसईएस वितरण कंपनियां नवीकरणीय ऊर्जा बाध्यताएं पूरी कर पाएंगी। उसने कहा, ”बीएसईएस वितरण कंपनियों ने सेकी के साथ 510 मेगावॉट सौर और हाइब्रिड बिजली खरीदने को लेकर बिजली बिक्री समझौता पीएसए) किया है। कुल 510 मेगावॉट में 300 मेगावॉट सौर बिजली और 210 मेगावॉट हाइब्रिड बिजली होगी।” बीएसईएस वितरण कंपनियों ने महंगी बिजली खरीद समझौतों से हटने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी हैं। उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली विद्युत नियामक आयोग को आवेदन दिया है।

smart electricity meter
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क्या होगा नया रेट ?

आवेदन में उन सात बिजली संयंत्रों के साथ समझौते से अलग होने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है, जिनके 25 साल पूरे हो गये हैं या पूरा होने के करीब हैं। प्रवक्ता ने कहा कि समझौता 25 साल के लिये है। यह बिजली समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 18 महीने में उपलब्ध होने की उम्मीद है। समझौते के तहत 2.44 रुपये प्रति यूनिट पर सौर और 2.48 रुपये यूनिट पर हाइब्रिड बिजली ली गयी है।

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