वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (डीएफसीसी) का यमुना नदी पर बन रहा पुल 550 मीटर लंबा होगा। जबकि, हिंडन नदी पर बनाए जा रहे पुल की लंबाई 200 मीटर होगी। दोनों जगह पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
इसी अक्तूबर तक दोनों नदी के पुल बनकर तैयार हो जाएंगे। वहीं हिंडन और यमुना नदी के सभी पुस्तों पर अंडरपास बनेगा। कई जगह अंडरपास बनाने का काम चल रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डीएफसीसी के वेस्टर्न कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
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दिसंबर, 2021 तक काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में कॉरिडोर का 17 किमी हिस्सा है। हिंडन और यमुना नदी पर पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। यमुना नदी पर बनाए जा रहे पुल पर कुल 22 गार्डर रखे जाएंगे।
मशीनों से 14 गॉर्डर को रखने का काम पूरा हो चुका है। वहीं हिंडन नदी पर बनाए जाने वाले 200 मीटर लंबे पुल का निर्माण आठ गॉर्डर से होगा। फिलहाल चार गॉर्डर रखने का काम पूरा हो गया है। बाकी गॉर्डर को रखने का काम चल रहा है।
48 मीटर लंबा और 10.5 मीटर ऊंचा है एक गॉर्डर
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पुल पर रखे जा रहे गॉर्डर लोहे के हैं। जो करीब 200 साल तक सुरक्षित रहेंगे। पुल का एक गॉर्डर 48 मीटर लंबा और साढ़े दस मीटर ऊंचा है। इससे होकर रेलवे की डबल डेकर ट्रेन भी निकल सकेगी। पुल भूकंप और बाढ़रोधी होगा। दोनों जगहों पर खतरे का निशान भी लगाया जाएगा।
दोनों नदी के हर पुस्ता पर बनेगा अंडरपास
हिंडन और यमुना नदी के पुस्ते पर अंडरपास बनेगा ताकि पुस्ते का प्रयोग करने वालों लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। चार जगह अंडरपास बनाने का चल रहा है। पुस्ता पर अंडरपास बनने का लाभ आसपास के खेतों में काम करने वाले लोगों के साथ-साथ ग्रामीण और अन्य लोगों को मिलेगा। बड़ी संख्या में लोग इन पुस्तों का प्रयोग करते हैं।
दोनों पुल को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अक्तूबर तक पुल बनकर तैयार हो जाएंगे। दोनों नदी के पुस्तों पर भी अंडरपास बनाया जा रहा है। जिससे आसपास के लोगों को आवागमन की सुविधा मिलती रहे।
-राजेंद्र सिंह, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर डीएफसीसी