देश की पहली रैपिड रेल अप्रैल में दिल्ली पहुंच जाएगी।
मई या जून में इसका ट्रायल भी शुरू हो जाएगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के प्राथमिकता खंड पर इसके परिचालन का लक्ष्य हालांकि मार्च 2023 रखा गया है, लेकिन एनसीआर परिवहन निगम की कोशिश इसे समय से पहले चलाने की है। गौरतलब है कि दिल्ली के सराय काले खां से उप्र के मोदीपुरम (मेरठ) तक बन रहे 82 किमी लंबे कारिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी के ट्रैक को प्राथमिकता खंड रखा गया है। 22 स्टेशनों वाले इस पूरे ट्रैक पर रैपिड रेल का परिचालन जहां वर्ष 2025 से शुरू होना है, वहीं प्राथमिकता खंड पर इसका परिचालन मार्च 2023 से प्रारंभ हो जाएगा। इसी के मददेनजर इस खंड पर कारिडोर का निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहा है।
इसी कड़ी में नवीनतम जानकारी यह है कि पहली रैपिड रेल अप्रैल में दिल्ली पहुंच जाएगी। नौ कोच वाली यह ट्रेन गुजरात की एक कंपनी बना रही है और जो कि पूर्णतया स्वदेशी यानी भारत में निर्मित होगी। इसके अगले दो माह बाद दूसरी और फिर उसके दो माह बाद तीसरी ट्रेन भी दिल्ली आ जाएगी।180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रैपिड रेल का ट्रायल मई या जून से शुरू कर दिया जाएगा। इसकी औसत रफ्तार लगभग 90 किमी प्रति घंटा होगी।
लाकडाउन और वायु प्रदूषण की वजह से बीच- बीच में निर्माण कार्य बंद होते रहने के बावजूद एनसीआर परिवहन निगम की कोशिश है कि प्राथमिकता खंड पर यह ट्रेन 2022 के अंत से ही दौड़ना शुरू कर दे। मालूम हो कि रैपिड रेल के जरिये दिल्ली से मेरठ तक की दूरी 60 मिनट से भी कम समय में पूरा हो जाएगा।
प्रबंध निदेशक, एनसीआर परिवहन निगम
इसी साल हमारे पास तीन से चार ट्रेन आ जाएंगी। सभी ट्रेन स्वदेशी होंगी और नौ कोच वाली होंगी। दिल्ली-मेरठ कारिडोर के प्राथमिकता खंड पर इसे चलाने का लक्ष्य भले ही मार्च 2023 है लेकिन हमारी पूरी कोशिश है कि हम इसे समय से पहले ही चला सकें।
विनय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, एनसीआर परिवहन निगम