Important for all those who are going on Delhi-Merrut Expressway. @dbreakings has found reports on misuse of expressway and miss-handelling the traffic. Find a quick detailed report in Hindi on this with US.

 

Delhi-Meerut Expressway: राजधानी दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लाइफलाइन बनने जा रहे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर सफर कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि जरा सी चूक से यहां पर बड़ा हादसा हो सकता है। दरअसल, बिना किसी पूर्व तैयारी के ही दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे को आम जनता के लिए खोल दिया गया है, ऐसे में यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। खासतौर से यूपी गेट से विजय नगर तक लोग वाहन बेतरतीब ढंग से दौड़ा रहे हैं।

 

बताया जा रहा है कि बिना किसी तैयारी के मेरठ एक्सप्रेस वे यूपी गेट से विजय नगर तक दोनों तरफ़ खोल दिया गया है। जिसके कारण यहां पर सड़क हादसे की आशंका गहरा गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि नियमानुसार, बीच वाली सड़क पर हल्के वाहनों को मनाही है, बावजूद इसके यहां पर कोई भी बेरोकटोक के आ-जा रहा है।

ट्रकों और कारों के बीच ऑटो रिक्शा से लेकर भैंसा-बुग्गी तक सब दौड़ रहे हैं।  इतना ही नहीं, विजय नगर से यूपी गेट की ओर जाते हुए एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहनों के साथ जुगाड़ वाहन भी दौड़ रहे हैं। इसी के साथ कई वाहन तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर  विपरीत दिशा में भी दौड़ रहे हैं। जाहिर है कि ऐसे में सड़क हादसे की आशंका लगातार बनी हुई है।

 

ऑटो रिक्शा बने मुसीबत

एक्सप्रेस-वे के खुलते ही ऑटो चालकों की मनमानी देखने को मिल रही है। लापरवाही का आलम यह है कि नोएडा के पास ऑटो रिक्शा वाले विपरीत दिशा में रोककर सवारी बिठा रहे हैं, जिसके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

बता दें कि पिछले महीने 24 अक्टूबर की रात को यूपी गेट से एबीइएस कॉलेज तक एक्सप्रेस-वे को वाहनों के लिए खोल दिया गया है। इसी के साथ दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर लगे 3000 में से 1500 लाइटों को भी शुरू कर दिया गया है।

 

गौरतलब है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे  प्रोजेक्ट के तहत दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना तक का तकरीबन 90 फीसद तक काम पूरा हो गया है।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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3 Comments

  1. रोड पर ऑटो रिक्शा वाले कभी मनमानी नहीं करते हैं सही मायने देखा जाए तो कार और बाइक वालों की अपनी मनमानी चलती है जहां मर्जी खड़ी कर देते हैं फोन चलाते चलाते बीच रोड पर खड़े हो जाते हैं उन्हें यही नहीं पता लगता है हम कहां हैं बदनाम जी ऑटो वाले होते हैं ऐसा क्यों है पक्ष दोनों बजाओ एक पक्ष मत बजाओ एक पक्ष बनाने में हमेशा मीडिया आगे रही है

  2. Jo galti karte he unki gadi band kro.
    Jo galti nhi karte unhe kyu jane se roka ja rha he.
    Mere pass maruti nhi he…mere pass e rickshaw he..to kya mai us raste se nhi ja sakta.
    Ye rule garibo ko pareshan karne vali he.

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