दिल्ली सरकार ने इलेक्टिक वाहनों से संबंधित एग्रीगेटर स्कीम 2021 पर विचार-विमर्श के लिए सोमवार को वर्चुअल कान्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें एग्रीगेटर्स ने स्कीम से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। बता दें कि सरकार ने हाल ही में एग्रीगेटर्स (सवारी के लिए वाहन उपलब्ध कराने वाली कंपनियां) और होम डिलीवरी सेवाओं में ई-वाहनों को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है।
बैठक में मौजूद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चर्चा के दौरान कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम ईवी नीति के सफल क्रियान्वयन के अपने वादे को पूरा कर रहे हैं। दिल्ली देश का पहला राज्य है जिसने राइड एग्रीगेटर्स व डिलीवरी सेवाओं के लिए ईवी को अनिवार्य कर दिया है।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी पहल करते हुए मोटर वाहन एग्रीगेटर्स स्कीम 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर दिया है। परिवहन विभाग ने इसे अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है जिस पर 18 फरवरी तक लोग सुझाव दे सकेंगे। इसके बाद इसे कार्यान्वयन के लिए अधिसूचित किया जाएगा। इस नीति में जहां ई-वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा, वहीं ओला व उबर जैसी कंपनियों पर नकेल भी कसी जा सकेगी। अगर ऐसी कंपनियों के चालक सवारियों से अधिक पैसा वसूलता हैं या ठीक से पेश नहीं आते हैं तो संबंधित चालकों-कंपनियों पर कार्रवाई होगी।
नीति के तहत अब राइड एग्रीगेटर्स यानी ओला व उबर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से ई-वाहनों को शामिल करना होगा। नीति के अनुसार राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अधिसूचना की तारीख से अगले तीन महीने में नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसद और चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत वाहन इलेक्टिक के सुनिश्चित करने होंगे।