शनिवार सुबह दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक धरती हिल गई। डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकले और कुछ देर बाद ही वापस गए। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कुछ बड़े हिस्सों में शनिवार सुबह 10 बजे से कुछ देर पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में लोगों को करीब 15-20 सेकंड तक धरती में कंपन महसूस हुई, इसके चलते डरे सहमे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। फिर 5-10 मिनट तक बाहर इंतजार करने के बाद ही घर में वापस गए। दिल्ली-एनसीआर के अलावा, जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के काफी तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 6 मापी गई है, वहीं भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश में बताया गया है।
नेशनल सेंटर फार सिस्मोलाजी (NCS) के अनुसार, शनिवार सुबह 9:45 बजे अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 5.7 की तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए।
दिल्ली और एनसीआर में इन इलाकों में महसूस किए गए झटके
- दिल्ली
- नोएडा
- ग्रेटर नोएडा
- सोनीपत
- रेवाड़ी
- पलवल
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- गाजियाबाद
- हापुड़
गौरतलब है कि धरती के गर्भ में 7 प्लेट हैं। ये प्लेस्ट लगातार घूमती रहती हैं। इस दौरान जब ये प्लेट टकराती हैं, उसे फाल्ट लाइन कहा जाता है। जब प्लेट टकराती हैं तो उसके कोने मुड़ने लगते हैं और कई बार ज्यादा दबाव की वजह से ये प्लेट टूटने भी लगती हैं। इसके चलते ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और फिर इस दौरान भूकंप भी आता है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन की बेल्ट से है। एनसीएस के मुताबिक, दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम है। बावजूद इसके खतरा बरकरार है, क्योंकि दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा इस समय हिमालय रीजन की बेल्ट से है।
बता दें कि इससे पहले जुलाई महीने में भी दिल्ली-एनसीआर में हल्का भूकंप आया था, जबकिइससे भी पहले दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में 12 फरवरी 2021 को भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई थी। इसका केंद्र ताजिकिस्तान में जमीन से करीब 90 किमी नीचे था। हालांकि इससे कोई जन हानि नहीं हुई थी।