पड़ोसी राज्य हरियाणा में डेल्टा वैरिएंट का मरीज मिलने के बाद दिल्ली भी सतर्क हो गई है। मुख्य सचिव विजय देव ने कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने के साथ ही नियमित चेकिंग करने के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
साथ ही कहा है कि लापरवाही करने वाले लोगों या दुकानदारों से सख्ती से निपटा जाए। दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 0.12 फीसद पर आ चुकी है। कोरोना के प्रतिदिन आने वाले मरीज भी एक सौ से नीचे आ चुके हैं। इसी बीच हरियाणा के फरीदाबाद में डेल्टा वैरिएंट का पहला मरीज मिला है। ऐसे में मुख्य सचिव ने दिल्ली को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे बाजारों व सार्वजनिक स्थानों पर नियमित चेकिंग कराएं और मास्क व शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना का संक्रमण कम जरूर हुआ है, मगर कोरोना अभी गया नहीं है। राजधानी में अनलाक की प्रक्रिया के तीन सप्ताह में यानी 31 मई से 20 जून तक 87 हजार 258 से अधिक लोगों का कोविड से बचाव के नियमों का पालन न करने पर चालान काटा गया है। इसमें मास्क नहीं लगाने और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वाले अधिक हैं। इसमें 31 मई से छह जून के बीच अनलॉक के पहले चरण के दौरान जब निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, तो सप्ताह के दौरान 20 हजार 966 लोगों के चालान काटे गए। इस सप्ताह में कोरोना के 3,321 मामले दर्ज किए गए।
7 जून और 13 जून के बीच अनलॉक दो में दिल्ली मेट्रो को चलने की अनुमति दी गई और शहर के बाजारों में दुकानों को ऑड-इवेन के आधार पर खोलने की अनुमति दी गई। इस दौरान 29 हजार 343 लोगों के चालान काटे गए, जबकि संक्रमितों की संख्या घटकर 2,080 हो गई। इसी तरह 14 जून से 20 जून के बीच अनलॉक तीन के दौरान जब दिल्ली मेट्रो ने काम करना जारी रखा और सभी दुकानों और शहर के बाजारों को खोलने की अनुमति दी गई, तो नियमों का उल्लंघन करने पर चालान की संख्या 36 हजार 909 हो गई, जबकि संक्रमण घटकर 1,106 हो गई थी। अब डेल्टा वैरिएंट के खतरे को देखते हुए और सतर्कता बरती जाएगी।