दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने पांच कॉलेजों का ऑडिट कराया है। इसकी रिपोर्ट आ गई है। जिसमें गड़बड़ी मिली हैं। मनमाने तरीकों से कॉलेजों में पद सृजित कर लिए गए। उनके लिए सरकार से अनुमति नहीं ली गई। बजट को गलत तरीके से खर्च किया गया है। जिन लोगों के नाम पर वेतन दिया जा रहा था, ऑडिट के दौरान उनका हाजिरी रजिस्टर नहीं दिखाया गया।

 

इससे आशंका है कि वहां फर्जी कर्मचारी काम कर रहे थे। सुरक्षाकर्मी को 40 हजार वेतन दिया जा रहा था।

  1. डीडीयू कॉलेज,
  2. केशव महाविद्यालय,
  3. शहीद सुखदेव कालेज,
  4. महर्षि वाल्मीकि कालेज और
  5. भगिनी निवेदिता कालेज में ऑडिट कराया गया है।

इन कालेजों के खातों में भी पर्याप्त पैसा है। मगर ये कालेज शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं और दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हैं कि सरकार वेतन के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा है। हम इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी राय ले रहे हैं।

 

उपमुख्यमंत्री ने कौशल विकास विवि के कार्य की समीक्षा की

इससे पहले बृहस्पतिवार को मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय के रूप में दिल्ली को ऐतिहासिक उपहार मिलने जा रहा है। यह भारत ही नहीं, विश्वस्तरीय उत्कृष्टता का केंद्र होगा। इसका काम महज प्रशिक्षण या डिग्री प्रदान करना नहीं होगा बल्कि हरेक छात्र को अच्छी नौकरी या व्यापार के शानदार अवसर उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होगा। सिसोदिया ने आगामी वर्षो में विश्वविद्यालय में हर वर्ष लगभग सवा लाख छात्रों के नामांकन की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखने का निर्देश दिया।

 

उन्होंने कहा कि बारहवीं पास करने वाले हरेक छात्र को स्नातक करने के अवसर मिलने चाहिए। अगर किसी बच्चे के अंक 60 फीसद हो, तब भी वह उच्च शिक्षा से वंचित न हो। सिसोदिया ने आज टीम एजुकेशन के साथ विश्वविद्यालय पर विशेष चर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने विश्वविद्यालय के लक्ष्यों व अब तक के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की।

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