ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे (गाजीपुर-बलिया-माझीघाट) का ब्लू प्रिट तैयार कर लिया गया है।जिसकी मदद से बलिया की लखनऊ और दिल्ली से मजबूत कनेक्टिविटी हो जाएगी । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले इस एक्सप्रेस वे को सिक्स लेनकी योजना थी, पर अब इसे सिर्फ फोरलेन ही बनाया जायेगा। हाईवे की चौड़ाई सौ से घटाकर 60 मीटर कर दी गई है। और साथ ही यह भी तय हुआ है कि इस एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाए। गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर के आगे उत्तमनगर गांव में डबल ट्रंप बनाएंगे। यहां पर वाहन चढ़ेंगे और उतारे जाएंगे। यह बलिया शहर से करीब 34 किलोमीटर दूर पर है।
साथ ही आपको यह बता दें कि ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस-वे एनएच-29 (गोरखपुर से वाराणसी हाईवे) पर गाजीपुर बाईपास के जंगीपुर से शुरू किया जाएगा, जो करिमुद्दीनपुर, चितबड़ागांव, फेफना, माल्देपुर, हल्दी, बैरिया होते ही चांददियर पहुंचेगा, फिर यहां से मांझी घाट पर इसे खत्म करेंगे। साथ ही इसे बलिया शहर के बाहर से गुजारेंगे। इस तरह एनएचएआइ ने करीब 117 किमी लंबा एलाइनमेंट तय कर दिया है। इस रूट पर गाजीपुर-बलिया-छपरा हाईवे (एनएच -29 और एनएच-19) को सीधे जोड़ा जा रहा हैं।
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परियोजना की लागत तीन हजार करोड़ रुपये निर्धारित कर दी गई है, जबकि जमीनों के अधिग्रहण में करीब 1630 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शासन ने भूमि-खरीद का आदेश जारी कर दिया है। दो दिन बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपिडा) की टीम बलिया आएगी, वह राजस्व विभाग के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। वह तय हुए नए रूट के हिसाब से जमीनों का आंकलन करेंगे। इस दौरान पूर्व में एकत्र किए गए जमीनों के विवरण का परीक्षण भी होगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जमीन खरीदने की कार्रवाई शुरू करी जाएगी।
किस जिले में कितना निर्माण
82.54 किलोमीटर निर्माण बलिया में
30.17 किलोमीटर निर्माण गाजीपुर में
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3.60 किलोमीटर निर्माण छपरा में
ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए बनाया जायेगा एक नया रेलवे ओवेरब्रिज
डिजाइन स्वीकृत
ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाया जाएगा। इसकी भी डिजाइन स्वीकृत कर दी गई है। यह ओवरब्रिज चितबड़ागांव और फेफना के बीच बनाया जाएगा। इस ओवरब्रिज के पास से टोंस नदी गुजरती हैं। पूरी परियोजना वाराणसी-गाजीपुर-बलिया-छपरा रेल लाइन के पास से गुजारी जा रही है।
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कई हरे भरे इलाकों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
इस परियोजना का नाम ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे भी इस वजह से है, क्युकी ये एक्सप्रेस-वे कई हरे-भरे इलाकों से निकाला जा रहा है।इन् इलाको को ग्रीन कॉरिडोर भी कहा जाता है। मतलब ऐसी जगह, जहां पर पहले कभी सड़क न रही हो, इसके लिए कोई बिल्डिग या सड़क वगैरह तोड़ने का झंझट भी नहीं होता।साथ ही हाईवे के किनारे हरे-भरे पौधे भी लगाए जाएंगे। इसके लिए अलग से धनराशि स्वीकृत है।
वर्जन
इसी हफ्ते जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। परियोजना का एलाइनमेंट शासन ने स्वीकृत कर दिया है। तय हो गया है कि यूपिडा जमीन खरीद कर हमें देगी। एनएचएआइ की जिम्मेदारी हाईवे निर्माण की होगी।