लगातार यात्रियों से लूटपाट की घटनाएँ सामने आ रही थी
लोगों को ठगने के आरोप में कमल, उमा शंकर, प्रदीप, मोनू, नजीर, अंकित और इसरार नामक आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह के हवाले से कहा गया है कि कुछ दिनों से लगातार यात्रियों से लूटपाट की घटनाएँ सामने आ रही थी। जिसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर, उनका पीछा कर उन्हें धर दबोचा।
बदमाश लिफ्ट देने के बहाने लोगों को कार में बिठा लेते थे। इसके बाद पुलिस चेकिंग का डर दिखकर उनसे ज्वेलरी व महंगा सामान लिफाफे में रखवा लेते थे। आरोपी आपस में वॉकी-टॉकी से बातचीत करते थे।
Automotive News Exclusive For You. 🚘 👇
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी इंगित प्रताप सिंह के अनुसार जिले में कुछ माह से ऐसी वारदात हो रही थीं जिनमें लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठाने के बाद पुलिस चेकिंग के बहाने ज्वेलरी व कैश लिफाफे में रखवा कर ठगी की जाती थी। गिरोह के बदमाश पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए वॉकी-टॉकी पर पुलिस के मैसेजों की रिकॉर्डिंग चलाते थे। मौका लगते ही पीड़ित का लिफाफा बदलकर सुनसान जगह पर उतार देते थे।
आरोपियों का तीन गैंग था
Delhi - NCR Don't Miss 📰 🙏
Hyperlocal News reports
बता दें कि आरोपी खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों को लिफ्ट देते थें, फिर कई लोगों को सुनसान इलाके में ले जाकर लूट कर फेंक देते थे। वो लोगों पुलिस जांच की भी धमकी देते थे। उनके पास पहले से रिकॉर्ड वाली वॉकी-टॉकी, दिल्ली पुलिस लिखा और लोगों लगा मास्क लगाते थे, जिससे लोगों को लगता था कि वो असली पुलिस हैं। आरोपियों का तीन गैंग था।
जब तीन लोग सवार एक गाड़ी रोकने का प्रयास किया तो वो भागने लगें
इस मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी एसीपी वसंत विहार राकेश दीक्षित की टीम को सौपा गया था। 18 नवम्बर को कांस्टेबल मोहित को पता चला कि आरोपी आर.के पुरम में हैं। बस फिर क्या था, उन्हें पकड़ने की सारी व्यवस्था की गयी। वहाँ पहुंचकर जब तीन लोग सवार एक गाड़ी रोकने का प्रयास किया तो वो भागने लगें। जिसके बाद पुलिस उनका पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। ये तीनों इसरार, प्रदीप और मोनू थे। इनसे पूछताछ के बाद बाकि आरोपियों को पकड़ा गया।