दिल्ली NCR कि ये कंपनियां जो ठगी में शामिल थी उसका भंडाफोड हो गया है और इन कंपनियों में काम करने वाले सारे लोगों के ऊपर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया है CBI ने इस मामले में एक उद्भेदन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इतने बड़े ही काम में शामिल सारे लोगों को पुलिस के हिरासत में जल्द से जल्द लिया जाए.
अगर आपने इन कंपनियों में किसी भी कंपनी में काम किया है तो इसकी पूरी संभावना है कि पुलिस आपके घर जल्द से जल्द कार्यवाही करने के लिए पहुंचेगी क्योंकि यह सारी कंपनियां अमेरिकी लोगों से ठगी करते थे.
सीबीआइ ने ऑनलाइन टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर अमेरिका में लोगों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और उसकी भारत स्थित कंपनियों की 190 करोड़ रुपये की संपत्तियों का पता लगाया है। 17 सितंबर को सीबीआइ ने ऐसी छह कंपनियों और उनके मालिकों के यहां से 25 लाख रुपये नकद और 55 लाख रुपये का सोना बरामद किया था। गुरुवार को अमेरिका के न्याय विभाग ने एक बयान जारी कर इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीबीआइ की सराहना की और उसके सहयोग को अभूतपूर्व बताया।
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सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और जयपुर स्थित ये कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट या दूसरी कंपनियों के नाम पर लोगों के कंप्यूटर पर मालवेयर भेजती थीं, जिससे स्क्रीन पर कंप्यूटर खराब होने का मैसेज आ जाता था। शिकार लोगों को कोई संदेह नहीं हो, इसलिए उन्हें बड़ी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर देकर टेक्निकल सपोर्ट हासिल करने को कहा जाता था। जबकि वह हेल्पलाइन नंबर भी इसी गिरोह का होता था। इसके बाद लोगों से वायरस हटाने के नाम पर जब सैकड़ों डॉलर अंतरराष्ट्रीय पेमेंट गेटवे के जरिये वसूल लिए जाते थे तो मालवेयर हटा लिया जाता था और कंप्यूटर सही तरीके से पहले की तरह काम करने लगता था। जाहिर है कि ठगी का शिकार होने वाले को इसकी भनक नहीं लग पाती थी।
सीबीआइ के अनुसार, इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह में
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- दिल्ली की शॉफ्टविल इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और
- सबुरी टीएलसी वल्डवाइड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड,
- नोएडा स्थित बेनोवेलिएंट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड,
- गुरुग्राम स्थित सबुरी ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और
- जयपुर स्थित इनोवाना थिंकलैब लिमिटेड और
- सिस्टविक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड
कंपनियां शामिल थीं। सीबीआइ ने इन कंपनियों के दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और जयपुर स्थित कार्यालयों पर छापों में बड़े पैमाने पर डिजिटल सुबूत मिलने का दावा किया है।