नरेला इलाके में टिकरी खुर्द स्थित श्मशान स्थल पर रविवार को उस समय लोग हैरत में पड़ गए, जब चिता पर लेटे कथित तौर पर मृत बुजुर्ग ने अपनी आंखें खोल दीं। इसके बाद उन्हें तत्काल चिता से उतारा गया और मामले की सूचना पुलिस व कैट्स एंबुलेंस को दी। इसके बाद उन्हें नरेला के ही राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उनका रक्तचाप आदि सामान्य पाया और उनके जीवित होने की पुष्टि की। बुजुर्ग एलएनजेपी में ले जाया गया है, जहां फिलहाल उनकी हालत बेहतर है।
जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह करीब 11 बजे टिकरी खुर्द गांव के रहने वाले 62 वर्षीय सतीश भारद्वाज की कथित तौर पर मौत हो गई थी। उनके स्वजन ने पुलिस को बताया कि बुजुर्ग सतीश कैंसर से पीड़ित हैं। उनका कैंसर चौथे चरण में है। ऐसे में उनका इलाज चल रहा था। उनकी 21 दिसंबर की रात को तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उन्हें द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। स्वजन केमुताबिक रविवार सुबह 11 बजे स्वजन उन्हें मृत समझकर घर ले गए। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए करीब साढ़े तीन बजे टिकरी खुर्द के श्मशान स्थल पर ले जाया गया।
जब अर्थी पर चलने लगी "मुर्दे" की सांसें!
— सूरज सिंह/Suraj Singh 🇮🇳 (@SurajSolanki) December 26, 2021
आज दिल्ली के नरेला क्षेत्र के टिकरी खुर्द गांव में अजीब वाकया हुआ, जब श्मसान घाट पर मृतक बुजुर्ग सतीश भारद्वाज उम्र 62 साल को ले जाया गया, तो उनकी सांसे चलती हुई दिखाई दी. लोगों ने एम्बुलेंस बुला अस्पताल भेजा@SandhyaTimes4u @NBTDilli pic.twitter.com/nneWaDbBSG
श्मशान स्थल से ही पुलिस नियंत्रण कक्ष को काल करने वाले विजय के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए जब बुजुर्ग के चेहरे से कफन को हटाया गया तो मौजूद तमाम लोग हैरान रह गए, क्योंकि बुजुर्ग की सांसें चल रही थीं। वह धीरे-धीरे आंखें खोल रहे थे। इसके बाद लोगों ने तुरंत दिल्ली पुलिस और कैट्स एंबुलेंस को फोन करके जानकारी दी।
घटना के बारे में पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान बुजुर्ग के अस्पताल के रिकार्ड आदि की जांच की गई तो पता चला कि बुजुर्ग को उनके स्वजन अपनी मर्जी से अस्पताल से लेकर आये थे, क्योंकि उनके रिकार्ड पर लामा (डाक्टर की सलाह के विरुद्ध अस्पताल से ले जाना ) लिखा है। ऐसे में फिलहाल कोई कानूनी तौर पर मामला नहीं बन रहा है।