एक नजर पूरी खबर
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र में कहा कि, दुनिया में सबसे अधिक कोरोना टेस्ट दिल्ली में हो रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली मॉडल की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही, यह दो करोड़ लोगों की मेहनत का नतीजा है।
- दिल्ली सरकार ने सदन को बताया कि भारत में पहली बार प्लाज्मा थेरेपी की इजाजत दिल्ली सरकार ने ली, हमने ट्रायल किया, फिर दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक स्थापित किया
सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र में कहा कि, दुनिया में सबसे अधिक कोरोना टेस्ट दिल्ली में हो रहे हैं। दिल्ली में प्रतिदिन प्रति 10 लाख आबादी पर 3057 टेस्ट हो रहे हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक, प्रति 10 लाख आबादी पर ब्रिटेन में लगभग 3000, संयुक्त राज्य अमेरिका में 1388, रूस में 2311 और पेरू में 858 कोरोना टेस्ट हो रहे, जबकि भारत में प्रति 10 लाख औसतन 819 टेस्ट हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली मॉडल की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही, यह दो करोड़ लोगों की मेहनत का नतीजा है, पिछले 5-6 माह में दिल्ली के लोगों ने कई मायने में पूरी दुनिया को राह दिखाई है।” साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, “पूरी दुनिया में होम आइसोलेशन का आइडिया दिल्ली में आया, अभी तक 1,15,254 कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हुए और होम आइसोलेशन में महज 30 व्यक्तियों की मौत हुई।”
दिल्ली सरकार ने सदन को बताया कि भारत में पहली बार प्लाज्मा थेरेपी की इजाजत दिल्ली सरकार ने ली, हमने ट्रायल किया, फिर दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक स्थापित किया, आज 1965 लोगों को प्लाज्मा दिया जा चुका है। दिल्ली के लोगों को पूरे देश के लोगों की सेवा का मौका मिल रहा, देश के अन्य राज्यों से दिल्ली आकर 5264 लोगों का इलाज कराया है।
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दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कोरोना पर चर्चा के दौरान केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है, तो जितनी भी फ्लाइट बाहर से आईं, उसकी 80 से 90 प्रतिशत फ्लाइट दिल्ली में उतरी है और उन दिनों में कोरोना नया नया था, किसी को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। तब तक कोई प्रोटोकॉल नहीं था, कोई आईसीएमआर की गाइडलाइन नहीं थी, कोई क्वारंटाइन और आइसोलेशन नहीं था। 22 मार्च का एक लेटर है, जो हमारे हेल्थ सेक्रेटरी ने सभी को भेजा है। उसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले एक महीने में 32,000 यात्री बाहर आए हैं और वो 32 हजार यात्री बाहर से आकर दिल्ली के कोने-कोने में फैल गए हैं। उनको चिह्न्ति कराओ। तब तक 18 मार्च के आसपास केंद्र सरकार से गाइडलाइन आई थी कि जो लोग बाहर आ रहे हैं, उनको क्वारंटाइन किया जाए। इन 32 हजार लोगों को चिंहित करना लगभग नामुमकिन सी बात थी। यह 32 हजार लोग उन देशों से आए थे, जहां बहुत ज्यादा कोरोना है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि इनमें से कितने सारे लोग पहले से ही कोरोना से संक्रमित होंगे।”