कुछ देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में अधिकारी खुद यहां के सभी सरकारी अस्पतालों का दौरा करेंगे और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उनकी तैयारियों का जायजा लेंगे. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. केंद्र सरकार के निर्देश के अनुपालन में मंगलवार को दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन किया जाएगा.
घर-घर जाकर बूस्टर डोज लगाने का अभियान होगा शुरू
यह विवरण मंगलवार से जनता के लिए दिल्ली सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध होगा. दिल्ली सरकार के कोरोना वायरस डैशबोर्ड को आखिरी बार 12 दिसंबर को अपडेट किया गया था. जांच जल्द ही शुरू होने की संभावना है. इस समय पूरी दिल्ली में करीब 2,500 से 3,000 के बीच नमूनों की जांच हो रही है. उन्हें उभरती स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कहा जा रहा है. संभावना है कि हम संवेदनशील आबादी को बूस्टर खुराक प्रदान करने के लिए घर-घर जाकर अभियान शुरू करें.
ओमीक्रोन बीएफ.7 का अभी कोई मामला नहीं है दिल्ली में
उत्तर-पश्चिमी जिले के एक अधिकारी ने कहा कि वे सभी को कम से कम दो गज की दूरी बनाए रखने, मास्क का उपयोग करने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने जैसे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए कह रहे हैं. वहीं, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिले के एक अधिकारी ने कहा कि अभी स्थिति चिंताजनक नहीं लगती, लेकिन ‘‘हम पूरी तरह से तैयार हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कुछ देशों में मामलों में वृद्धि का कारण बनने वाले कोरोना वायरस के नए ओमीक्रोन स्वरूप बीएफ.7 का अब तक दिल्ली में कोई मामला नहीं आया है और उनकी सरकार किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
अस्पतालों में की गई है पूरी व्यवस्था- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संक्रमण के सभी मामलों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजने, एहतियाती खुराक का दायरा बढ़ाने और अस्पतालों में कर्मियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी जारी किए. पिछले साल कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही थी, अस्पतालों ने सोशल मीडिया पर घटती ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर ‘त्राहिमाम संदेश’ भेजे थे. कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए, लेकिन ओमीक्रॉन के किसी भी नए स्वरूप से भारत में कोई बड़ी परेशानी होने की आशंका नहीं है.