केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती का ऐलान किया था जिसके बाद कई राज्यों ने भी अपने अस्तर से दामों को कम करने के लिए शुल्क में कटौती घोषित की थी.
अधिकांश राज्य ₹2 से ₹5 के बीच में अपने अस्तर से शुल्क में कटौती का तोहफा अपने जनता को दिया था.
दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 100 से ऊपर है और वही अगल-बगल के राज्य जैसे कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पेट्रोल की कीमत लगभग 95 से ₹96 के बीच में है जिसके बाद से लगातार दिल्ली सरकार के ऊपर में यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह भी अपने स्तर से शुल्क में कटौती करें और जनता को राहत प्रदान करें.
इस बात पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली में कीमतों को कम से कम ₹20 कम करने की आवश्यकता है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही थी और तेल अपनी कीमतों में सबसे निचले स्तर पर आ चुका था तब ठीक उसके विपरीत केंद्र सरकार लगातार उस गिरावट से दोगुना टैक्स बढ़ा रही थी जिसके वजह से देश में तेल के दाम नहीं घटे और जनता के जेब से पैसे ज्यादा तेजी से निकाले गए.
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केंद्र सरकार की गलत नीतियों का हर्जाना यह हुआ कि उत्पाद शुल्क जो पहले ₹15 हुआ करता था वह ₹34 हो गया और अब महज ₹5 का लॉलीपॉप देकर जनता को लोकलुभावन प्रयोग मीडिया के द्वारा करवाया जा रहा है.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर केंद्र सरकार सच में जनता का साथ देना चाहती है तो वह अपने टैक्स में कम से कम और ₹15 कम करें. मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में कीमतों में क्या कमी की जाएगी इसकी समीक्षा की जा रही है.
What about state government…Delhi is charging more Vat on petrol … Why always blame others…