दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का सपना इस फरवरी में पूरा होने वाला है। एनएचएआई की निर्माणाधीन कंपनी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड तेजी से इसे फाइनल टच देने का कार्य कर रही है। फोर्ड शोरूम से पहले अंडरपास को क्रास करने वाली कनेक्टिविटी को डामर का कर दिया गया है। जल्द ही इस मार्ग को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके खुलने पर परतापुर तिराहे पर जाम से निजात मिल सकेगी। मेरठ से दिल्ली के बीच का सफर आसान हो जाएगा।
दिल्ली-मेरठ के बीच 32 किलोमीटर डासना- मेरठ तक एक्सप्रेस वे का कार्य लगभग पूरा होने के कगार पर है। इलेक्ट्रिक पोल लगाने का कार्य तेजी से जारी है। एक्सप्रेस वे पर निशान लगा दिए गए हैं। रंगाई पुताई जारी है। जीआर इंफ्रा ने एक्सप्रेस वे पर बैरियर लगा दिया है। इसके बावजूद एक्सप्रेस वे पर वाहन फर्राटा भरने लगे हैं। तीनों इंटरचेंज भी लगभग तैयार हैं। मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस वे अत्याधुनिक सुविधाओ से लैस है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों के अलावा एंबुलेंस की सुविधा रहेगी। दो सोलर प्लांट 777 केवी के लगा दिए गए हैं, जिनको सिर्फ कनेक्टिविटी देनी है। इस प्लांट से टोल प्लाजा को रोशन किया जाएगा। परतापुर तिराहे पर बनने वाले डेढ़ किलोमीटर के गोलचक्कर की सूरत भी अब नजर आने लगी है। सौंदर्यीकरण की व्यवस्था की जा रही है। जीआर इंफ्रा के इंजीनियरों का कहना है कि मेरठवासियों को फरवरी अंत में एक्सप्रेस-वे दे दिया जाएगा।
जगह जगह होंगे स्पीडोमीटर
वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस वे पर जगह जगह स्पीडोमीटर लगाए जाएंगे। गति सीमा का पालन न करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। डासना से मेरठ के बीच सीसीटीवी कैमरे और स्पीडोमीटर से वाहनों की गति पर नजर रखा जाएगा।
टोल प्लाजा पर बने 19 गेट
अछरोंडा के पीछे एक्सप्रेस वे पर बनाए गए टोल प्लाजा पर वाहनों के आने जाने के लिए 19 गेट बनाए गए हैं, जिनमें से 12 गेट दिल्ली से मेरठ आने वालों के लिए होंगे और 7 गेट मेरठ से दिल्ली जाने वालों के लिए रहेगा। अब टोल प्लाजा को तेजी से फाइनल किया जा रहा है। मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, एनएचएआई ने बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम अब यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ के बीच बिल्कुल फाइनल स्टेज में है। डासना से मेरठ के बीच तो अब केवल टोल प्लाजा और इंटरचेंज का काम ही फाइनल हो रहा है। फरवरी अंत तक चालू करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है