दिल्ली:दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े का बहुत बड़ा ढेर वहाँ के निवासियों के लिए समस्या का सबब बन गया है| इस समस्या के समाधान के लिए ऐसा शानदार विकल्प तलाशा गया है जो इस कूड़े के विशाल पहाड़ को भी उपयोगी बना देगा| दिल्ली पूर्वी सड़क नगर निगम, सड़क निर्माण में गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े का उपयोग करने की तयारी की जा रही है| केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम(इडीएम) मिलकर पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत करेगा. कल्याणपुरी में करीब 25,000 मीट्रिक टन कचरे का उपयोग लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में किया जाएगा. यह देश में पहली बार किसी नगर निगम का कचरे से रोड बनाने का यह एक अनूठा प्रोजेक्ट होगा|सीआरआरआई और इडीएम के वरिष्ठ प्रमुख नें केंद्र सरकार के प्रधान विज्ञानिकों की टीम नें सडक निर्माण क लिए तीन साइट का दौरा किया था ,लेकिन
अंतिम में पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए कल्याणपुरी को चुना गया|इडीएम प्रमुख ने कूड़े- कचरे को सोने की तरह है बीएस जरुरत है उसके सदुपयोग करनें की |उन्होंने बताया की 16 ट्रोमेल मशीनें लैंडफिल साइट पर हैं जिसका उपयोग कचरों को रीफाइन करनें के लिए किया जाएगा| इस साइट पर करीब 1 लाख 44 हज़ार टन कचरा मौजूद है,जिसे रीफाइन करने पर साढ़े तीन-चार हज़ार मिट्टी निकलती है जिसका प्रयोग सड़क निर्माण के लिए किया जाएगा|
इस लैंडफिल साइट को चुनने का मुख्य कारण यहाँ पर हो चुके हादसे है ,1984 में इस जगह का निर्माण किया गया तबसे यहाँ क अगल -बगल क निवासियों ने यहाँ कचरा फेंकना शुरू कर दिया ,और आलम यह है की अब यहाँ कूड़े कचरे का बहुत बड़ा पहाड़ बन गया है जिसकी दुर्गन्ध के कारण दो लोगो की जान भी जा चुकी है| विशेषज्ञों ने इस मसले को सुलझाने क लिए 2002 से मांग की जाती रही है, लेकिन अब तक इस साइट के कारण होने वाली परेशानियों को दूर नहीं किया जा सका। यदि 2021 तक गाजीपुर में कूड़े का ढेर नहीं हटाया गया तो साइट पर फिर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बारिश के दिनों में यह खतरा और बढ़ जाता है।
इस कचरे से बने सडक कार्य में इडीएम सडक के गढ़ों को भरने के लिए लैंडफिल साइट से कचरा देगा जिससे कचरे का पहाड़ को कम किया जा सके | वहीँ सीआरआरआई सडक निर्माण के लिए तकनीकी सहायता करेगा |