अगर आप भी बाजार से कम दाम पर घर खरीदने का सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छा मौका है. इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank- IOB) प्रापर्टी की नीलामी करने जा रहा है. बता दें ये ऑक्शन (IOB Mega E-Auction) 23 जुलाई को होगा. इसमें निवेशकों को प्लॉट, फ्लैट, रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, इंडस्ट्रीयल, एग्रीकल्चर सभी तरह की प्रापर्टी सस्ते में मिल जाएंगी. आइए आपको बताते हैं आप कैसे इसमें हिस्सा ले सकते हैं.
जानिए किस दिन होगी प्रापर्टी की नीलामी?
बैंक उन प्रापर्टी की नीलामी कर रहा है जो डिफॉल्ट की लिस्ट में आ चुकी हैं. इन प्रापर्टी की नीलामी के लिए बैंक 23 जुलाई, 17 अगस्त और 15 सितंबर 2021 को मेगा ई-नीलामी आयोजित कर रहा है.
IOB is conducting Mega E-Auction on 23.07.2021, 17.08.2021 & 15.09.2021
— Indian Overseas Bank (@IOBIndia) July 19, 2021
Details of properties available on our website https://t.co/HxjTfQ1x4F —> Properties Available for Sale#IndianOverseasBank #IOBMegaEAuction pic.twitter.com/AIMnccCsnv
बैंक ने किया ट्वीट
IOB ने ट्वीट कर इस मेगा ई ऑक्शन के बारे में जानकारी दी है. IOB ने ट्वीट कर लिखा- आईओबी 23 जुलाई, 17 अगस्त और 15 सितंबर 2021 को मेगा ई ऑक्शन आयोजित कर रहा है. प्रॉपर्टी की डिटेल्स बैंक की वेबसाइट iob.in पर उपलब्ध है.
बोली लगाने वालों को पहले ही पूरी करनी होंगी ये शर्तें-
रजिस्ट्रेशन – बिडर को अपने मोबाइल नंबर और ईमेल-ID का इस्तेमाल करके E-Auction प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
केवाईसी वेरिफिकेशन – इसके बाद में बिडर जरूरी KYC डॉक्यूमेंट अपलोड करें. आपको बता दें KYC डॉक्यूमेंट को E-Auction सर्विस प्रोवाइडर द्वारा वैरिफिकेशन किया जाएगा. इसमें कम से कम दो वर्किंग डे का समय लग सकता है.
EMD अमाउंट ट्रांसफर – इसके बाद में आपको E-Auction प्लेटफॉर्म पर जनरेट हुए चालान का इस्तेमाल करके अमाउंट ट्रांसफर करना होगा. आप NEFT/ट्रांसफर या फिर ऑनलाइन/ऑफ-लाइन ट्रांसफर किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
बिडिंग प्रोसेस और ऑक्शन रिजल्ट – इच्छुक रजिस्टर्ड बिडर पहले, दूसरे और तीसरे चरण को पूरा करने के बाद E-Auction प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं,
बैंक समय-समय पर करता है नीलामी
बता दें जिन भी प्रापर्टी के मालिकों ने उनका लोन नहीं चुकाया है. ये किसी कारणवश नहीं दे पाएं हैं उन सभी लोगों की जमीन बैंकों के द्वारा अपने कब्जे में ले ली जाती हैं. बैंकों की ओर से समय-समय पर इस तरह की प्रापर्टी की नीलामी की जाती है. इस नीलामी में बैंक प्रापर्टी बेचकर अपनी बकाया राशि वसूल करता है.