कोरोना में नहीं मिल पा रही राहत

देश में बढ़ते कोरोना ने सबके नाक में दम कर दिया है। कोरोना से बचने के लिए राज्य सरकारों की हर संभव कोशिशें जारी हैं। लेकिन मामलों में उतना सुधार नहीं हो पाया है उल्टे स्तिथि और बिगड़ते जा रही है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा हुई मीटिंग

इस बाबत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे आकर ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा हुई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना के तीसरे लहर का पीक 10 नवंबर को
को देखा गया था, जिस दिन 8600 कोरोना के मामले सामने आए थे। उसके बाद से कोरोना संक्रमित मामले और पॉजिटिव होने के मामले में धीरे धीरे कमी दर्ज़ की गयी है।

केंद्र सरकार के अस्पतालों में और बेड बढ़ाने का आग्रह

साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ किया की कोरोना के तीसरे लहर के पीक के भयावह होने की बढ़ता प्रदूषण भी था। पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने की हरकतों पर रोक लगाने की आवश्यकता है। पराली को खाद में बदलना प्रदुषण से बचने का प्रभावकारी तरीका है। मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने तक केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 और आईसीयू बेड लगाने का आग्रह भी किया है।


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