दिल्ली में अब पराली के वजह से प्रदूषण और नहीं बढ़ेगा. इसके लिए दिल्ली से सटे पानीपत के इलाके में 10 अगस्त को 900 करोड़ की लागत से आईओसीएल में एक 2G फैक्ट्री बैठाया है.
क्या है 2G एथेनॉल फैक्ट्री.
आईओसीएल के तकनीकी टीम के द्वारा 2G चैनल फैक्ट्री संयंत्र की स्थापना की गई है जो लगभग 200000 टन कृषि कचरे का उपयोग करेगा और सालाना 3 करोड लीटर एथेनॉल का उत्पादन करेगा. इस एथेनॉल को गाड़ियों में पेट्रोल के साथ ब्लेंडिंग करके इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रदूषण से मिलेगा छुट्टी.
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह मशीन पराली, भूसा इत्यादि को एथेनॉल में बदल देगा इससे लोगों को दोगुना फायदा होगा जिसमें पहला कि उन्हें अपने पराली जलाने के बजाय इस मशीन के लिए आईओसीएल को भेजेंगे जिससे उन्हें वापस पैसे भी मिलेंगे.
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किसान यहां भेज सकेंगे अपना पराली.
संयंत्र की देखरेख करने वाले अधिकारियों के अनुसार, पानीपत, करनाल, जींद, सोनीपत और कैथल में किसान अपनी फसल के कचरे को बेच सकेंगे और अतिरिक्त पैसा कमा सकेंगे। किसानों को फसल अपशिष्ट के संग्रहण की सुविधा के लिए पानीपत और करनाल में 12 संग्रह केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
चूंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, इसलिए यहां पराली जलाना अधिक आम बात है है,जिसके वजह से वायु प्रदूषण तो बढ़ता है साथ ही साथ मिट्टी के पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं. सरकारी मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फसल जलाने के मौसम में यह प्रथा दिल्ली के प्रदूषण में 45% तक योगदान कर जाती है।