फिल्म सिटी में आवंटित भूखंड को आवंटी दस साल तक नहीं बेच सकेंगे। उन्हें 51 फीसद हिस्सेदारी अपने पास रखनी होगी। भूखंड पर कब्जा मिलने के पांच साल के अंदर निर्माण करना होगा। अन्य आवंटियों की तरह प्राधिकरण के नियम फिल्म सिटी पर भी लागू होंगे।

 

प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण में एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी बसाने का फैसला किया है। यह फिल्म सिटी सेक्टर 21 में बनाई जाएगी। फिल्म उद्योग के दिग्गजों से प्रस्ताव मिलने के बाद फिल्म सिटी परियोजना का काम आगे बढ़ेगा। फिल्म सिटी में अपनी जरूरत, सरकार से अपेक्षाओं के बारे में फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से पंद्रह दिन में प्रस्ताव मांगा गया है। फिल्म सिटी के लिए औद्योगिक श्रेणी में भूखंड आवंटित होंगे।

 

10 साल तक नही बेच सकेंगे.

नई फिल्म सिटी का हश्र नोएडा की फिल्म सिटी जैसा न हो। इसके लिए बंदोबस्त होंगे। आवंटी को दस साल तक संपत्ति बचने की अनुमति नहीं मिलेगी। उसे दस साल तक 51 फीसद हिस्सेदारी अपने पास ही रखनी होगी। ऐसे में फिल्म सिटी में भूखंड लेकर मोटा मुनाफा कमाने का मौका नहीं मिलेगा। प्राधिकरण बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव लाने जा रहा है। यह नियम केवल फिल्म सिटी पर ही लागू नहीं होगा, बल्कि उद्योग श्रेणी में आवंटित सभी आवंटियों के लिए होगा।

 

इसके साथ ही भूखंड पर कब्जा मिलने के पांच साल में निर्माण का नियम फिल्म सिटी के आवंटियों पर भी लागू होगा। प्रदेश सरकार ने हाल में औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए बने कानून में यह संशोधन किया है। इसका मकसद प्राधिकरण क्षेत्र के विकास को गति देना है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में तमाम भूखंड ऐसे हैं, जिन्हें आवंटित हुए एक दशक से भी अधिक हो चुका है, लेकिन आज तक इन भूखंडों पर निर्माण नहीं हुआ।

 

जबकि प्राधिकरण के पास जमीन की कमी हो चली है। योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। रिक्त भूखंड आस पास के लोगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि औद्योगिक श्रेणी के आवंटियों के लिए दस साल तक 51 फीसद हिस्सेदारी का नियम लागू किया जाएगा।

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