केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री गडकरी का लिखित बयान संसद के दोनों सदनों के पटल पर पेश किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि नई स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति में स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने पर नए वाहन से 25 फीसदी कम रोड टैक्स वसूलने के साथ ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से भी एक्स शोरूम कीमत पर 5 फीसदी छूट दिलाने का प्रावधान किया जा रहा है।
इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय सभी राज्यों और वाहन निर्माताओं को एडवाइजरी जारी करेगा। बता दें कि इस नीति की घोषणा इस बार केंद्रीय बजट में की गई थी।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री गडकरी ने कहा, नई नीति का ड्राफ्ट अगले कुछ सप्ताह में सभी हितधारकों के सुझाव व आपत्तियां लेने के लिए जारी कर दिया जाएगा। वाहनों को कबाड़ करने वालों को कई तरह से लाभ मिलेगा। पुराने वाहन को कबाड़ करने के लिए सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन सिस्टम बनाया जाएगा। उन्हें स्क्रैपिंग सेंटर पर स्क्रैप सर्टिफिकेट के अलावा पुराने वाहन की कीमत भी मिलेगी, जो नए वाहन की एक्स शोरूम कीमत के 4 से 6 फीसदी तक होगी।
अगले दो साल में पीपीपी मोड में ऐसे 100 स्क्रैपिंग सेंटर बनाए जाने की योजना है। निजी वाहनों के अलावा बस-ट्रक जैसे व्यवसायिक वाहनों के भी रोड टैक्स में 15 फीसदी की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा, कोई भी वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होने या पंजीकरण का नवीकरण नहीं करा पाने पर खत्म माना जाएगा।
गडकरी के मुताबिक, देश में इस समय 51 लाख मोटर वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं, जबकि 34 लाख अन्य हल्के वाहन 15 साल की आयु सीमा पार कर चुके हैं। अपनी 15 साल की उम्र पार करने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के दौड़ने वाले मध्यम व भारी व्यवसायिक वाहनों की संख्या करीब 17 लाख आंकी गई है। इस हिसाब से देश में करीब एक करोड़ वाहन नई नीति के बाद सड़कों से हट सकते हैं।
यह भी होंगे प्रावधान
- 15 साल बाद खुद ही गैर पंजीकृत हो जाएगा व्यवसायिक वाहन
- 20 साल होगी निजी वाहनों का पंजीकरण खत्म होने की अवधि
- 02 गुना होगी 15 साल बाद पुन: पंजीकरण कराने के लिए फीस
चार चरण में होगा लागू
- 01 अक्तूबर, 2021 से प्रयोग के तौर पर लागू हो जाएंगे फिटनेस टेस्ट व स्क्रैपिंग सेंटर नियम
- 01 अप्रैल, 2022 से सरकारी विभागों व कंपनियों के 15 साल पुराने वाहन किए जाएंगे कबाड़
- 01 अप्रैल, 2023 से सभी भारी वाहनाें के लिए फिटनेस टेस्ट को कर दिया जाएगा अनिवार्य
- 01 जून, 2024 से अन्य सभी श्रेणी के वाहनों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे नियम