रेलवे ने नई दिल्ली स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद शुरू कर दी है। चार वर्ष में यहां का नजारा आईजीआई एयरपोर्ट सरीखा होगा। इसे मल्टी मॉडल हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। स्टेशन को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाने के लिए चारों तरफ एलिवेटेड सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।
इससे स्टेशन तक सिर्फ वही लोग जा सकेंगे जिनको रेल यात्रा करनी है। स्टेशन पर ही मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी। रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण करीब 6500 करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट को डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर विकसित कराएगा।
प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने पर स्टेशन के साथ ही आसपास के इलाके की सूरत बदल जाएगी। कनॉट प्लेस के बाहरी सर्कल में सिविक सेंटर के समीप भवभूति मार्ग के पास रेलवे की भूमि को बिजनेस हब के रूप में विकसित किया जाएगा। जबकि मिंटो रोड स्थित रेलवे की आवासीय कॉलोनियां और दिल्ली रेल मंडल कार्यालय का रूप भी बदल जाएगा।
इसके लिए भी विस्तृत योजना तैयार कर ली गई है। रेल मंत्रालय 25 सितंबर को प्री-बिड कान्फ्रेंस आयोजित करेगा। निजी कंपनियां स्टेशन निर्माण के लिए 6 नवंबर तक विस्तृत योजना के साथ आवेदन करे सकेंगी।
मेट्रो से कनेक्टिविटी पर जोर
नई दिल्ली स्टेशन पुनर्निर्माण परियोजना में सबसे ज्यादा जोर कनेक्टिविटी पर होगा। सड़क मार्ग के साथ ही मेट्रो को भी स्टेशन से सीधा जोड़ा जाएगा। दिल्ली मेट्रो के यलो लाइन, एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और पैदल मुख्य मार्ग के जरिये कनॉट प्लेस आउटर सर्कल के साथ नई दिल्ली स्टेशन को जोड़ा जाएगा। पैदल पथ अलग से तैयार होगा।
यह है प्रोजेक्ट
- कॉमर्शियल, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी हब बनेगा, वास्तुशिल्प भी होगा अनोखा
- एलिवेटेड कॉन्कोर्स, मल्टीलेवल कार पार्किंग की सुविधा
- 60 वर्षों की अवधि के लिए डीबीएफओटी मॉडल पर होगा विकसित
एक नजर नई दिल्ली स्टेशन पर
- देश का सबसे बड़ा और मुंबई के बाद दूसरा सबसे व्यस्त स्टेशन
- रोजाना करीब 4.5 लाख यात्री करते हैं यात्रा
- प्रतिदिन 400 ट्रेनों का होता है संचालन
यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं
- लाउंज,
- फूड कोर्ट,
- मल्टीपल एंट्री,
- शौचालय,
- मल्टीलेवल कार पार्किंग,
- वेंटिलेशन और लाइटिंग
नई दिल्ली स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर ही विकसित करने की योजना है। यहां विश्व स्तरीय स्टेशनों की तरह सुविधा मिलेंगी। स्टेशन शहर के बीचोबीच है इसलिए नया मॉडल पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहयोगी होगा। हबीबगंज पहला विश्वस्तरीय स्टेशन बनाया जा रहा है। अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती स्टेशनों का भी विकास इसी मॉडल पर किया जा रहा है।
–विनोद कुमार यादव, सीईओ, रेलवे बोर्ड ।