दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन और दवाओं की शीघ्र आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने वायुसेना की मदद ली है। वायुसेना डाक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को लाने का काम भी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर में लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल स्थापित कर रहा है।

इसके लिए कोच्चि, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को लाया जा रहा है। इस अस्पताल के लिए वायुसेना बेंगलुरु से डीआरडीओ के आक्सीजन कंटेनर भी लेकर आई है।

उल्लेखनीय है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सभी रक्षा प्रतिष्ठानों को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए ज्यादा से ज्यादा कोरोना अस्पतालों की स्थापना करने का निर्देश दिया था। उन्होंने इस काम में सेवानिवृत्त कर्मियों की मदद लेने को भी कहा था। रक्षामंत्री ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर कोरोना से निपटने में रक्षा प्रतिष्ठानों के इस्तेमाल पर विचार-विमर्श भी किया।

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उधर डीआरडीओ की ओर से बताया गिया कि उसने दिल्ली में 250 बेड के अस्पताल की स्थापना की है। जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता 500 बेड और फिर 1,000 बेड तक बढ़ाई जा सकेगी। राजनाथ सिंह इससे पहले डीआरडीओ को लखनऊ, पटना, वाराणसी और अहमदाबाद में अस्पताल स्थापित करने का निर्देश दे चुके हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पटना के ईएसआइसी अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यहां 500 बेड का इंतजाम करने के साथ गंभीर मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में 450 बेड, वाराणसी में 750 बेड और अहमदाबाद में 900 बेड का अस्पताल स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इन अस्पतालों में काम करने के लिए सेवानिवृत्त सैन्य डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को लगाने पर चर्चा हुई है।

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