भारत में भारतीय सरकार ने इंधन के निर्यात और घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर लगाए जाने वाले टैक्स में कटौती की है. इससे पहले घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन और इंधन के निर्यात पर सरकार ने अप्रत्याशित कर लगाए थे.
- सरकार के द्वारा जारी किए गए अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर निर्यात हेतु ₹6 प्रति लीटर TAX को पूरी तरीके से खत्म कर दिया गया है.
- वहीं डीजल पर निर्यात हेतु लगने वाला कर ₹2 कम कर दिया गया है.
- साथ ही साथ एयर टरबाइन फ्यूल अर्थात विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाला टैक्स ₹4 प्रति लीटर कम किया गया है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले टैक्स को भी ₹23250 प्रति टन से कम कर ₹17000 प्रति टन कर दिया गया है. इस फैसले का सीधा फायदा ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसे घरेलू तेल उत्पादक कंपनियों को होगा.
किस किस जगह जाता है भारत का तेल?
भारत कच्चे तेलों का सबसे बड़ा खरीददार है लेकिन यह तेल केवल भारत में ही इस्तेमाल नहीं होता है बल्कि भारत इसे अपने कारखानों में संशोधित करके पेट्रोल डीजल के रूप में कई देशों को निर्यात भी करता है. जिसमें से प्रमुख देश 2022 के आंकड़े के अनुसार इस प्रकार हैं.
- सिंगापुर
- संयुक्त अरब अमीरात
- नीदरलैंड
- यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका
- ऑस्ट्रेलिया
- साउथ कोरिया
- टोगो
- सऊदी अरब
- इंडोनेशिया
- तुर्की
- मलेशिया
- बेल्जियम
- नेपाल
- इजराइल
इस TAX के घटने से भारत के पड़ोसी देश नेपाल इत्यादि में पेट्रोल डीजल और सस्ते होंगे. भारत के एक रुपए में नेपाल का 1.6 रुपए होता है.
- इस तरीके से नेपाल में पेट्रोल पर 6 भारतीय रुपए या 9.6 नेपाली रुपए कम हो जाएंगे.
- डीजल की खरीदारी पर 2 भारतीय रुपए या 3.20 नेपाली रुपए कम हो जाएंगे.
भारत के लोग लेते हैं नेपाल के तेल के कम दाम का फायदा.
नेपाल का मुख्य रूप से सीमा बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश इत्यादि तक लगता है और प्रमुख सीमावर्ती इलाकों में लो सस्ते पेट्रोल डीजल बढ़ाने के लिए नेपाल इत्यादि का रुख़ करते हैं. मौजूदा कीमतों की भी बात करें तो नेपाल में पेट्रोल और डीजल भारत के मुकाबले 8 और 6 रुपए क्रमशः सस्ते हैं. नए रेट के साथ ही साथ यह आंकड़ा 15 से 20 रुपए तक का फायदा दे सकता है.