हरियाणा के भूतपूर्व डीजीपी शील मधुर देशभर में तिरंगा मेरी शान अभियान चला रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद शील मधुर तिरंगा मेरी शान अंतर्गत हर हर तिरंगा घर घर तिरंगा का नारा दिया और राष्ट्र ध्वज के महत्व,इतिहास और आदर्शों को जन जन तक पहुचाने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं। उक्त बातों की जानकारी शील मधुर ने पटना में प्रेस वार्ता आयोजित कर दी। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा पिछले डेढ़ वर्ष पहले हमने हर हर तिरंगा घर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की थी और हमे ये खुशी है की हमारे इस अभियान ( हर-हर तिरंगा घर-घर तिरंगा) को केन्द्र सरकार ने भी देशभक्ति की भावना का आदर करते हुए पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया और उम्मीद जतायी कि यह अभियान जन जन तक पहुँचने में कामयाब रहेगा।
शील मधुर हरियाणा के भूत पूर्व डीजीपी शील मधुर रह चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज हम लोग आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं परन्तु आजादी के संघर्ष में स्वतन्त्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के प्रतीक तिरंगे के सम्मान में अभी तक सरकारों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस की घोषणा नहीं हो पायी है। ये एक बड़ी ऐतिहासिक चूक है जिसको ठीक करने हेतू उनके द्वारा पिछले डेढ़ वर्षो से लगातार प्रयत्न किये जा रहे हैं और राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की आवाज बुलंद की जा रही है। शील मधुर ने बताया कि विश्व में सभी देश अपने देश में राष्ट्रीय ध्वज दिवस बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। जिससे आम नागरिक में देश भक्ति की भावना और प्रबल होती है तथा देश की एकता अखंडता आपसी समरसता, सहिष्णुता की भावना और मजबूत होती है। तिंरगा हमें आपसी मेल जोल, शांति, सतत विकास के पथ पर चलकर हर देशवासी का जीवन खुशहाल बनाने का संदेश देता है, उन्होने बताया कि वे और उनके समर्थक इस वर्ष 17 जुलाई से 24 जुलाई तक एक सप्ताह का तिरंगा सम्मान समारोह सप्ताह मनाने का संकल्प ले चुके हैं और सभी देशवासियों से अपील की कि वे देश प्रेम के इस प्रयास को समर्थन दें।
उन्होने सभी देशवासियों से भी अपील की इसी वर्ष 22 जुलाई को तिरंगा दिवस के रूप में मनायें और 17 जुलाई से 24 जुलाई तक तिरंगा मेरी शान कार्यक्रमों का आयोजन हो। उन्होने बताया कि 22 जुलाई ही राष्ट्रीय ध्वज दिवस के लिए सर्वाधिक उपर्युक्त है क्योंकि इसी दिन 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे के मौजूदा स्वरूप और मापदण्डों का सृजन किया था और स्वीकृति दी थी। उन्होंने आगे कहा कि भारी संख्या में तिरंगा सेना में शामिल हो कर केन्द्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज की घोषणा करवाने के लिए एक जुट हों। लोगों को जोड़ने के लिए तिरंगा सेना नामक एप को भी लान्च किया जो saadarindia. com वेबसाईट पर उपलब्ध है। पूर्व डीजीपी शील मधुर ने 22 जुलाई का दिन राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में घोषित करने की अपील प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से भी की। उन्होने बताया कि भारत के महामहिम राष्ट्रपति को भी इस बारे में ज्ञापन सौंप चुके हैं और अनुरोध किया कि केन्द्रीय सरकार शीघ्र अति शीघ्र भारतीय राष्ट्र ध्वज दिवस की घोषणा करें।
शील मधुर ने आगे कहा कि बिहार और झारखंड की धरती शहीदों की और क्रान्तिकारी परिवर्तनों की जननी रही है। यहां पर अनेक वीर शहीद विशेषकर वीर कुंवर सिह, वीर सिद्धू वीर कानू तथा वीर बिरसा मुण्डा एवं जय प्रकाश नारायण जैसे महानपुरूषों ने अपनी विषम परिस्थितियों में अपनी आजादी और लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक गरिमामय प्रयास कर देश हित में कार्य किया और सफलता भी प्राप्त की।