कोरोना महामारी का ऐसा कहर लोगों पर छाया है की कई मज़दूर फिर बेबस और काम न होने की वजह से लचार हो गए है , पिछले साल की तरह फिर वह अपने गांव की और निकल पड़े है बस फर्क इतना है की पिछले साल की तरह न तो पुलिस का डर है और न ही उन्हें पैदल सफर करने की ज़रूरत पड रही है , पर महामारी का असर कुछ ऐसा छाया है की इन मादुरो को डर है की पिछले साल की तरह अगर फिर से तालाबंदी हो गयी तो सहर में फिर लोग इन्हे बेगाना कर देंगे।
गुरुग्राम में मजदुर फिर चल दिए अपने गाँव की तरफ
COVID19 मामलों में वृद्धि के बीच, गुरुग्राम में प्रवासी श्रमिकों फिर अपने मूल स्थानों के लिए निकल पड़े है । एक कार्यकर्ता का कहना है, “लॉकडाउन की संभावना है इसलिए मैं घर जा रहा हूं। मुझे पिछले साल लॉकडाउन के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा था, फिर से ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहते हैं।” इसी चलते गुडगाँव के बस स्टॉप और दिल्ली के रेलवे में इन प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखने को मिल रही है , लोग बसों का इंतज़ार कर रहे है जिससे जल्द से जल्द वह अपने घर जा सके।
Haryana: Migrant workers in Gurugram were seen leaving for their native places, amid increasing #COVID19 cases.
— ANI (@ANI) April 18, 2021
"There are chances of lockdown so I am going home. I faced problems due to lockdown last year, want to avoid any such situation again," says a worker. pic.twitter.com/D2Ftrd38Cb
कोरोना में वृद्धि
जहा एक तरफ कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है , वही दूसरी तरफ इन मजदूरों का इतनी संख्या में बिना सामाजिक दुरी के पालन किये बिना एक साथ ऐसे खड़े होने का दृश्य काफी डरा देने वाला है , इतनी संख्या में लोग बिना सामाजिक दुरी के खड़े है ऐसे में कोरोना के फैलने का डर और तेज़ी से बढ़ता है।