यह बरती जाएंगी सावधानी
- ’ दोनों टावरों के आसपास रेड जोन में शामिल सभी 14 टावर, एटीएस पाश्र्वनाथ सोसायटी को तीन घंटे पहले खाली करा लिया जाएगा।
- ’ विस्फोट के बाद दो घंटे की जांच पड़ताल के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया जाएगा।
- ’ विस्फोट के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से धूल नियंत्रित करने के लिए छिड़काव और स्मोक गन का इस्तेमाल होगा।
- ’ एनडीआरएफ टीम, एंबुलेंस और एक नजदीकी अस्पताल स्टैंडबाई के रूप में रहेंगे।
- ’ नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे को 30 मिनट के लिए बंद किया जाएगा।
सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों अवैध टावर (सियान 29 फ्लोर) और (एपेक्स 32 फ्लोर)) को ध्वस्त करने के लिए 3,300 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) चेन्नई से कंपन रिपोर्ट आने के बाद साउथ अफ्रीका की जेट डिमोलिशन कंपनी और एडफिस इंजीनियरिंग ने यह निर्णय लिया है।
10 अप्रैल को साइट पर विस्फोट परीक्षण के बाद चेन्नई आइआइटी की ओर से रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। इसे एडफिस इंजीनियरिंग को सौंप दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद प्राइमरी ब्लास्ट सेक्शन में बेसमेंट और एक फ्लोर को और बढ़ा दिया गया है, जहां विस्फोटक को लगाया जाएगा। इसके लिए जियो टेक्सटाइल फाइबर के छह अतिरिक्त रेप नीचे और आर रेप ऊपर के फ्लोर पर किए जाएंगे, ताकि मलबा इमारत के बाहर न जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुपरटेक व एडफिस इंजीनियरिंग के बीच एग्रीमेंट हुआ था कि 22 मई को इमारत को ध्वस्त किया जाना है। टेस्ट ब्लास्ट रिपोर्ट आने से पहले ही टेस्ट ब्लास्ट के दिन साउथ अफ्रीका की जेट डिमोलिशन के प्रबंध निदेशक जो ¨ब्रकमैन ने कहा था कि इमारत काफी मजबूत है। ऐसे में अतिरिक्त विस्फोटक लगाना पड़ेगा। पहले आकलन था कि करीब 2500 किलोग्राम विस्फोटक में ही दोनों इमारत को ध्वस्त कर लिया जाएगा, लेकिन अब इसकी मात्र को 800 किलो बढ़ा दिया है। यह विस्फोटक पलवल से आएगा।
28 अगस्त तक मांगा गया समय : इमारत को ध्वस्तीकरण के लिए तैयार करने और आसपास की इमारतों की सुरक्षा के लिए कंपनी को तैयारी में अतिरिक्त समय लगेगा। इसके लिए कंपनी ने सुपरटेक को पत्र लिखा। नोएडा प्राधिकरण से भी कहा, लेकिन प्राधिकरण ने साफ इन्कार कर दिया। चूंकि करार सुपरटेक और एडफिस के बीच है, ऐसे में सुपरटेक खुद सुप्रीम कोर्ट में समय बढ़ाने के लिए हलफनामा देगी। कंपनी ने 28 अगस्त तक की मांग की है।