विकास के अंधाधुंध माॅडल से लुप्तप्राय हो चुकी गौरैया से जुड़ी अच्छी खबर है। दिल्ली का राज्य पक्षी गौरैया की तादाद में राज्य में बढ़ोतरी दिखती हुई नजर आ रही है। पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार लॉकडाउन में वाहनों और प्रदूषण के कम होने के कारण दिल्ली के प्राकृतिक स्वररूप में जो बदलाव आए हैं यह इसकी खास वजह है। यही वजह है कि गत साल लॉकडाउन में मई-जून माह में पहले की तुलना में यह बहुतायत में दिखाई देने लगीं।
हाल ही में यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में इनकी तादाद बढ़ती हुई दिख रही है। गिनती के दौरान पार्क में गौरया के 80 झुंड दिखे हैं। वैज्ञानिक इसका कारण इस पक्षी को लाकडान के दौरान मिला बेहतर माहौल बता रहे हैं। यही कारण है कि इन नन्हीं पक्षियों के प्रजनन दर में बढ़ोतरी हुई है। वैज्ञानिक बताते हैं कि बढ़ते ध्वनि व वायु प्रदूषण के साथ कंक्रीट की ऊंची इमारतों ने दिल्ली जैसे शहरों में गौरैया के प्राकृतिक पर्यावास को छीन लिया है।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 2012 में गौरैया चिड़िया को राज्य पक्षी घोषित किया था। साथ ही 15 अगस्त 2012 को राज्य सरकार ने गौरैया के संरक्षण अभियान चलाने का निर्णय भी लिया था। गौरैया को दिल्ली का राज्य पक्षी घोषित करने का उद्देश्य उसके अस्तित्व को बचाना है।