क्रूड ऑयल की कीमतों मे गिरावट से घटेगी ब्याज दर, लेटेस्ट न्यूज़
Fall in the price of crude oil: रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के कारण तेल की कीमतों ने कुछ समय के लिए आसमान पकड़ लिया था जहां मार्च महीने में $129 प्रति बैरल की कीमत से घटकर साल के अंत में तेल का दाम $76 प्रति बैरल हो गया है। ऐसे में तेल की कीमतों में यह भारी गिरावट आरबीआई द्वारा लगातार बढ़ रह ब्याज दर को कम कर सकती हैं क्योंकि भारतीय सरकार को तेल का आयात करने में अन्य करो की अपेक्षा अधिक खर्च लग जाता है इसलिए आरबीआई लगातार ब्याज की दर और रेपो रेट में इजाफा कर रहा था। ऐसे में तेल के दाम साल के अंत में सबसे निचले स्तर पर चले गए हैं जिससे आम जन और भारतवासियों को विशेष फायदा मिलेगा।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध मे ढील से फीका पड़ा तेल का नाम
आपको बता दें कि पिछले कई महीनों से तेल की पावर माने जाने वाले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा था जो अब थोड़े हल्के स्तर पर पहुंच चुका है ऐसे में युद्ध टलने की संभावनाओं के बीच तेल के दाम निचले स्तर पर एक बार फिर पहुंच चुके हैं। जहां मार्च 2022 में तेल का दाम $129 प्रति बैरल पहुंच गया था जो अब युद्ध के फीके पड़ने की वजह से $79 प्रति बैरल पर पहुंच गया है। ऐसे में युद्ध समाप्ति के बीच भारतीय बाजारों में एक बार फिर से तेल के दामों में पुरानी गिरावट आ सकती हैं।
क्रूड ऑयल की कीमतों के गिरने के पीछे कारण
दरअसल महंगाई के चलते भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के देश इसकी चपेट में आ रहे हैं जहां वैश्विक मुद्रा को गिरने से बचाने के लिए क्रूड ऑयल जैसी चीजों का सस्ता होना सबसे बढ़िया उपाय हैं। हालांकि घरेलू तेल, ईंधन और पेट्रोल डीजल की कीमतों में गिरावट की संभावना है थोड़ी कम है लेकिन क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट विकसित दुनिया में मंदी का डर कम कर सकती हैं ।
क्रूड ऑयल की कीमत गिरने से क्या है आरबीआई का कनेक्शन
महंगाई के कारण आज के दौर में भारतीय रुपया लगातार निचले स्तर पर गिर रहा है जहां क्रूड ऑयल और अन्य कच्चे माल की कीमतों में गिरावट आने से भारतीय रुपए को एक बार फिर से मजबूती मिलेगी। हाल ही में आरबीआई ने ब्याज दर और रेपो रेट को बढ़ाने का आधिकारिक फैसला लिया है लेकिन भारतीय रुपए में मजबूती आने के बाद आरबीआई फिर से ब्याज दरों को घटा सकता है।