दिल्ली रोहणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायालय में एक महिला सात सालों से संपत्ति का उत्तराधिकार केश लड़ती रही। मगर जब तक फैसला आता तब तक महिला चल बसी, और न्यायालय ने सारी संपत्ति का हकदार महिला की सहेली को बना दिया।

दरअसल दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने माँ, भाई और दो बहनों के हिस्से को अपने नाम करने के लिए भारतीय उत्तराधिकार कानून के अंतर्गत अदालत में वर्ष 2014 में याचिकादायर की थी। याचिका में महिला ने अपने परिवार जनों की मृत्यु हो जाने के कारण उनकी दिल्ली, मुंबई, बैंगलौर आदि स्थान की अचल संपत्ति को उनके नाम करने की अदालत से गुहार लगाई थी। उत्तराधिकार का यह केस सात साल तक चलता रहा। मगर जब तक फैसला आता महिला चल बसी।

Images 2021 03 12T191321.614 दिल्ली: कोरोड़ों की संपत्ति का महिला लड़ती रही केस, फैसला आया तो सहेली को मिला हक

यचिकाकर्ता महिला का दिसंबर 2019 में लंबी बीमारी की वजह से निधन हो गया। अदालत ने परिस्थितियां बदलने पर दस्तावेजों का दोबारा अध्ययन किया और पाया कि महिला ने याचिका में मुंबई में ही रहने वाली एक सहेली को नॉमिनी बनाया था। यही वजह है रोहणी स्थित सत्र न्यायालय ने संपत्ति का कोई और वारिस ना होने के कारण चल-अचल संपत्ति को उसकी सहेली के नाम ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं मुंबई स्थित न्यायालय ने भी महिला की सहेली को संपत्ति का हकदार बनाया है।