आप दिल्ली में वाहन चलाते हैं तो आपके पास वाहन का पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट होना जरूरी है। अगर आपके पास वाहन का पीयूसी न हो तो 10 हजार रुपये का चालान होने का नियम है। आपको घर के आसपास स्थित किसी भी पेट्रोल पंप पर पीयूसी केंद्र मिल जाएगा, जहां आप अपने वाहन की प्रदूषण की जांच करवा सकते हैं.
ऐसा होता हैं PUC सेंटर पर गेम
लेकिन उस समय लोगों को जिस परेशानी का सामने करना पड़ता है. परेशानी से निपटने के लिए लोग जो रास्ता चुनते हैं, उससे क्या फायदा, क्या नुकसान होता है, उसी पर आधारित है यह रिपेर्ट. जब जांच के लिए आपकी बाइक, स्कूटर या गाड़ी यहां लगी होगी तो आपको केंद्र में बैठा कर्मचारी कहेगा कि गाड़ी फेल हो गई है, मैकेनिक को दिखाओ, बहुत प्रदूषण कर रही है। यह सुनकर एक पल के लिए वाहन मालिक सन्न रह जाता है। क्योंकि हो सकता है वाहन मोटा खर्चा न करवा देअब कर्मचारी ही खुद से कह देता है “बताओ क्या करना है। “जब आप बोलोगे की देख लो भाई साहब पास कर दो तो वो कह देगा कि ठीक है। 100 रुपये दे दो। जबकि बाइक की फीस 60 रुपये ही है, बाकी 40 रुपये गए कर्मचारी की जेब में।
अगर आपकी गाड़ी का भी PUC हो जाता हैं फेल तो
दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान सर्टिफिकेट बनाने वाले सेंटर इंचार्ज से कहने पर फेल हो रहे हैं गाड़ियों के भी प्रदूषण सर्टिफिकेट साइलेंसर के जगह थोड़ा सा बाहर हवा में मशीन रखकर पास कर देते हैं. हालांकि इसके लिए अवैध रूप से सेंटर इंचार्ज पैसे भी ज्यादा आते हैं और यह पूरा अवैध काम दिल्ली के आम लोगों के सांसो पर भारी पड़ता है.
अगर गाड़ी में दिक्कत है, तो सर्टिफिकेट होने पर भी होगा चालान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में बतौर एडिशनल कमिश्नर रैंक पर कार्यरत एक अधिकारी से जब इस मसले पर बात की तो उन्होंने कहा कि अगर आपके पास आपके वाहन का सर्टिफिकेट है और उससे धुंआ नहीं निकल रहा हैतब तो ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं करेगी, लेकिन अगर सर्टिफिकेट होने के बाद भी आपके वाहन से धुंआ निकल रहा है तो पुलिस आपके वाहन का चालान कर सकती है। इसके बाद उस पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच भी करवा सकती है।