पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) पर त्रिलोकपुरी से मयूर विहार पाकेट-1 के बीच के खाली हिस्से पर मेट्रो कॉरिडोर के लिए लोगों को एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा। कॉरिडोर का निर्माण शुरू हो गया है लेकिन जमीन विवाद और कोरोना संक्रमण के कारण निर्माण कार्य की गति धीमी है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी ) का कहना है कि पिंक लाइन के बीच के खाली हिस्से पर निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद शिव विहार से मजलिस पार्क तक सीधी मेट्रो सेवा उपलब्ध होगी।
58.59 किलोमीटर लंबी ¨पिंक लाइन दिल्ली मेट्रो का सबसे लंबा कॉरिडोर है। हालांकि, मयूर विहार पाकेट-1 मेट्रो स्टेशन से त्रिलोकपुरी के बीच का 289 मीटर हिस्सा अब तक नहीं बन पाया है। इस वजह से ¨पिंक लाइन दो हिस्सों में बंटी हुई है। इस पर मार्च से दिसंबर 2018 के बीच चार चरणों में परिचालन शुरू हुआ। सबसे पहले मजलिस पार्क से साउथ कैंपस के बीच मेट्रो सेवा शुरू हुई।
इसके बाद साउथ कैंपस से लाजपत नगर और फिर त्रिलोकपुरी से शिव विहार कॉरिडोर पर परिचालन शुरू हुआ था। दिसंबर 2018 में मयूर विहार पाकेट-1 से मजलिस पार्क के बीच मेट्रो चलने लगी, लेकिन मयूर विहार पाकेट-1 से त्रिलोकपुरी के बीच मेट्रो कॉरिडोर के रास्ते में झुग्गी कॉलोनी के 104 घर आ रहे थे। हाई कोर्ट के आदेश पर इनमें रहने वाले ज्यादातर लोगों को फ्लैट आवंटित किया जा चुका है, लेकिन 17 परिवार अब भी हटने को तैयार नहीं हैं। आज भी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। डीएमआरसी के अनुसार, इससे निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होगा।
अभी मयूर विहार पाकेट-1 से मजलिस पार्क और दूसरे हिस्से में त्रिलोकपुरी से शिव विहार तक परिचालन हो रहा है। इससे लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो पिलर की नींव ढालने का काम हो चुका है।